प्रतीक चौहान. रायपुर. रायपुर रेल मंडल की आरपीएफ में संभवतः काबिल स्टॉफ और अधिकारियों की कमी है. यही कारण है कि पिछले करीब 4-5 वर्षों से आरपीएफ लगातार एक ही टास्क टीम के साथ काम कर रही है.

 हैरानी की बात ये है कि दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे जोन के ही रायपुर रेल मंडल को छोड़कर बिलासपुर और नागपुर रेल मंडल में हर दो महीने में टास्क टीम बदली जाती है. लेकिन रायपुर रेल मंडल में एक ही टास्क टीम के साथ वर्षों से काम किया जा रहा है और फिर भी रायपुर रेल मंडल में चोरियां थमने का नाम नहीं ले रही है.

केवल मार्च 2023 के महीनों की बात करें तो रायपुर जीआरपी में करीब 20 चोरियों की रिपोर्ट दर्ज की गई है. वहीं फरवरी महीने में रायपुर जीआरपी में 18 चोरी की रिपोर्ट दर्ज की गई. जनवरी माह में खाली 28 से 31 जनवरी तक यानी दो दिनों में चोरी के 6 मामले सामने आए है. यानी चोरी की घटनाओं को रोकने में आरपीएफ की वर्षों पुरानी टास्क टीम पूरी तरह फेल साबित हो रही है.

…इसलिए नहीं हुए कोई ट्रेंड

कई वर्षों से रायपुर आरपीएफ की टास्क टीम नहीं बदली गई है. यही कारण है कि आरपीएफ के कई काबिल जवानो को टास्क टीम में काम करने का मौका नहीं मिल रहा है. वहीं जो वर्षों से टास्क टीम में जमें हुए है उन्हें भी अब चोर पहचानने लगे है और वे भी वर्षों से रेलवे को टीए क्लेम कर रहे है.

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