सत्या राजपूत, रायपुर. स्वास्थ्य विभाग और नर्सिंग होम के बीच आज जिला चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में बैठक हुई, जिसमें कोविड नियंत्रण के लिए रणनीति बनाई गई. आयुष्मान एवं खूबचंद बघेल योजना को लेकर निर्देश दिए गए. प्रत्येक प्राइवेट हॉस्पिटल को OPD काउंटर में योजनाओं की जानकारी वाला पोस्टर लगाने के निर्देश दिए गए. साथ ही मरीजों से अधिक राशि लेने पर भी कार्रवाई की बात कही गई.

CEO आकाश चिकारा और मुख्य जिला चिकित्सा अधिकारी डॉ. मिथलेश चौधरी ने बैठक ली. बैठक में हॉस्पिटल बोर्ड के प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर राकेश गुप्ता और तमाम नर्सिंग होम के डॉक्टर उपस्थित थे. CEO आकाश चिकारा ने बताया आयुष्मान एवं खूबचंद बघेल योजना के साथ NHM के तमाम योजनाओं को लेकर चर्चा हुई है. साथ ही कोरोना नियंत्रण को लेकर विस्तृत जानकारी दी गई है, मरीजों के लिए ऑनलाइन एंट्री हो रही. दिक्कत न हो इसलिए तत्काल एंट्री करने को भी कहा गया है.

डॉ. राकेश गुप्ता ने बताया कि आज की बैठक में विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई है. जैसे निर्धारित रकम से अधिक राशि लेना इस पर स्पष्ट कहा कि जो भी निजी हॉस्पिटल निर्धारित राशि से अधिक लेता है तो उन पर तत्काल कार्रवाई होनी चाहिए हमने मांग की है कि आगामी कोरोना की लहर को देखते हुए बूस्टर डोज फ्रंटलाइन वर्करों को लगनी चाहिए. केंद्र सरकार को राज्य सरकार की ओर से प्रस्ताव भेजने के लिए हमने अपनी बात रखी है. पोस्टर लगाने को लेकर सहमति भी दी गई है.

मुख्य जिला चिकित्सा अधिकारी डॉ. मिथलेश चौधरी ने कहा कि आज मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में कलेक्टर के आदेशानुसार CEO रायपुर की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गई. तमाम एजेंटों की चर्चा सार्थक रहा है. जैसे कोरोना मरीज एंट्री में लापरवाही हो रही है. समय पर एंट्री नहीं की जाती है, इसे लेकर निर्देशित किया गया है. मरीज चिन्हित होते ही तत्काल कोविड पोर्टल में एंट्री करने कहा गया है.

सीएमएचओ ने कहा, कोरोना की आगामी लहर को देखते हुए आज बैठक में चर्चा हुई है. नर्सिंग होम और हॉस्पिटल बोर्ड के पदाधिकारी को कहा गया है कि मरीज चिन्हित होते ही तत्काल पोर्टल में एंट्री की जाए, जिससे स्टेट को जानकारी सही समय पर भेजा जा सके, नियमानुसार आगे कार्यवाही हो सके. आयुष्मान एवं खूबचंद बघेल समेत अन्य योजनाओं का पोस्टर काउंटर में लगाने पर सहमति जताई गई है.

क्रिटिकल केस पर मरीज को डॉक्टर भीमराव अंबेडकर हॉस्पिटल और एम्स अस्पताल रेफर कर दिया जाता है, जिससे कई सारी समस्या आ रही थी, इसे लेकर चर्चा हुई है, जिसमें कहा गया कि रेफर करने से पहले संबंधित हॉस्पिटल में बातचीत कर ही मरीज को रेफर करें. मरीजों के आधार पर राशि निर्धारित की गई है, लेकिन मरीजों से अधिक राशि लेने की बात सामने आ रही है. हास्पिटल बोर्ड की तरफ से स्पष्ट कहा गया है कि ऐसा करने वालों पर कार्रवाई की जाए.