संदीप शर्मा,विदिशा। मध्य प्रदेश के विदिशा जिले की सिरोंज तहसील के अंतर्गत आने वाले ग्राम भंवरिया गांव के रहने वाले पैरों से दिव्यांग अनिल वाल्मीकि और उनकी पत्नी गायत्री सोमवार शाम से ही जनपद कार्यालय सिरोंज के सामने बैठे हुए हैं। दंपत्ति का कहना है हम लोग गांव में शराब बेच कर अपने परिवार का गुजारा करते हैं। परंतु गांव के कई लोग ऐसे हैं जिन्होंने हमारी शिकायत कर हमारा काम बंद करवा दिया है। अब ऐसे में परिवार का गुजारा कैसे करें।
दिव्यांग अनिल ने सरकार से गुजारिश करते हुए कहा कि या तो मुझे शराब बेचने का लाइसेंस दिया जाए, या फिर सरकारी नौकरी दी जाए। ताकि हम परिवार का गुजारा कर सके। जब तक ऐसा नहीं होगा मैं और मेरी पत्नी जनपद कार्यालय के सामने ऐसे ही डटे रहेंगे। पैरो से दिव्यांग अनिल ने बताया कि दलित हूं और दिव्यांग भी लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही। मुझे सरकारी नौकरी मिल रही न पत्नी को। गांव में शराब बेच कर परिवार का पेट पालता हूं तो पुलिस ने वो भी बंद करवा दिया। अब भूखे मरने की नौबत आ गई है।
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अनिल ने इस दौरान कहा कि अब जब तक सरकारी नौकरी नहीं मिलेगी यहां से वापस नहीं जाऊंगा। नहीं तो सरकार मुझे शराब बेचने का लाइसेंस दिलवाए। अनिल दोपहर से शाम तक जनपद में मौजूद रहा। जब सीईओ वंदना शर्मा आई तो उन्हें भी अपनी समस्या बताई लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो सकी। ऐसे में उसने जनपद में सीईओ के कक्ष के सामने ही पत्नी के साथ डेरा डाल दिया।
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