धर्मेंद्र यादव, ओरछा (निवाड़ी)। श्रीरामराजा मंदिर ओरछा (Shriramraja temple Orchha) में श्रद्धालुओं के दिए जाने वाले दान पर आयकर विभाग (Income Tax) की नजर लग गई है। आयकर विभाग ने इसे लेकर मंदिर के व्यवस्थापक को नोटिस जारी कर आयकर रिटर्न दाखिल करने को कहा है। विदित हो कि मंदिर के दान को लेकर आयकर विभाग वर्ष 2010 और 2020 में भी नोटिस जारी किया गया था। तब से प्रशासन आयकर विभाग के सामने यह साबित करने का प्रयास कर रहा है कि यह मंदिर शासकीय है और आयकर से मुक्त है, लेकिन विभाग यह मानने के लिए तैयार नहीं है।
हाल ही में आयकर विभाग ने श्रीरामराजा मंदिर ओरछा के व्यवस्थापक और तहसीलदार के नाम से नोटिस जारी किया है। 23 मार्च को जारी किए गए इस नोटिस में विभाग ने साल 2015-16 के दौरान मंदिर के खाते में जमा किए गए 1 करोड़ 22 लाख रुपये का हिसाब मांगा है। आयकर विभाग ने इसके विवरण के साथ ही मंदिर की बैलेंस शीट, ऑडिट रिपोर्ट, पी एंड एल खाता के साथ ही आय-व्यय का ब्यौरा और अन्य खातों की जानकारी मांगी है। इस नोटिस के जवाब में प्रशासन ने मंदिर के शासकीय होने और इस नाते मंदिर के आयकर की श्रेणी से बाहर होने की बात कही है। आयकर विभाग प्रशासन के इस उत्तर से संतुष्ट न होते हुए इसका पुख्ता प्रमाण मांग रहा है।
मंदिर व्यस्थापक ओरछा तहसीलदार मनीष जैन ने बताया कि जो नोटिस इनकम टैक्स से रामराजा मंदिर को प्राप्त हुआ है वह एक सामान्य प्रक्रिया है। बताया कि साल 2015-16 में जो दान राशि प्राप्त हुई थी जो करीब एक करोड़ 22 लाख 55 हजार थी। इस राशि की एक एफडी बनाई गई थी। जिसको आयकर विभाग ने संज्ञान में लिया और 23 मार्च को 48 लाख रुपये रिकवरी का नोटिस मंदिर प्रबंधन को जारी किया है। आयकर विभाग रामराजा मंदिर को निजी स्वामित्व समझता आ रहा है। जिसको लेकर मंदिर प्रबंधन ने 1947 के सरकार के मंदिर को शासकीय स्वामित्व बनाये जाने की सूची आयकर विभाग को भेज दी है। जिसको आयकर विभाग ने स्वीकार कर लिया है।
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