नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को लखीमपुर खीरी हिंसा के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा की अंतरिम जमानत 11 जुलाई तक के लिए बढ़ा दी. जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जेके माहेश्वरी की बेंच ने मामले की सुनवाई स्थगित करते हुए कहा कि मामले में अंतरिम आदेश 11 जुलाई तक जारी रहेगा. इस मामले में पीड़ित परिवार की ओर से पेश वकील प्रशांत भूषण ने शीर्ष अदालत से रोजाना निर्देश देने का आग्रह किया.
पीड़ितों की तरफ से वकील प्रशांत भूषण ने निचली अदालत में चल रही सुनवाई में तेजी लाने की मांग की और कहा कि इस मामले में 200 गवाह हैं. हफ्ते में कम से कम दो गवाहों के बयान निचली अदालत रिकॉर्ड करे. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने मामले में डे टू डे ट्रायल के आदेश से फिलहाल इंकार किया है. वहीं शीर्ष अदालत ने सुनवाई की रफ्तार पर संतोष जताया और कहा कि निचली अदालत को रोजाना सुनवाई का आदेश नहीं दे सकते.
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सुप्रीम कोर्ट ने कहा, “ऐसा करने से दूसरे लंबित मामलों में दिक्कत आएगी और उनकी सुनवाई पर भी असर पड़ेगा.” कोर्ट ने कहा, “ट्रायल जज गंभीरता से मामले की सुनवाई कर रहे हैं. मामले में अभी तक 6 स्टे्टस रिपोर्ट दाखिल की जा चुकी हैं.” मामले की समीक्षा के लिए अगली सुनवाई जुलाई में होगी.
बता दें कि साल 2021 में गाड़ी से कुचल कर हुई किसानों की हत्या के मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा मुख्य आरोपी हैं. 3 अक्टूबर, 2021 को उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले के तिकुनिया में किसानों के विरोध के हिंसक हो जाने के बाद चार किसानों सहित आठ लोगों की जान चली गई थी. उत्तर प्रदेश के तत्कालीन उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के दौरे का विरोध कर रहे किसानों को कथित तौर पर एक एसयूवी ने कुचल दिया था. जिसमें आशीष मिश्रा कथित तौर पर बैठे हुए थे.
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