शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट (Madhya Pradesh High Court) से प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के 19 आरोपियों को झटका लगा है। दरअसल, उच्च न्यायालय ने आरोपियों की ओर से दायर की याचिका को खारिज कर दिया है। सभी पर देशद्रोह समेत कई गंभीर आरोप है। अब्दुल रऊफ, जमाल समेत 19 आरोपियों ने जमानत अर्जी लगाई थी।
भोपाल जेल में प्रतिबंधित संगठन PFI के 19 आरोपी बंद हैं। जमानत के लिए आरोपियों की ओर से जबलपुर हाईकोर्ट में आवेदन दिया गया था। जिसका सरकार की ओर से प महाधिवक्ता ब्रह्मदत्त सिंह और शासकीय अधिवक्ता प्रदीप गुप्ता ने विरोध किया। शासन की ओर से दलील दी गई कि पिछले साल एसटीएफ और एटीएस ने आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया था। जिनके खिलाफ पीएफआई संगठन से जुड़े होने के साक्ष्य मिले थे।
सभी के खिलाफ देशद्रोह समेत कई धाराओं के तहत दर्ज किया गया था। इसलिए जमानत के आवेदन निरस्त किए जाने योग्य हैं। आरोपियों की ओर से मामले की सुनवाई में दिल्ली से सीनियर वकील मुजीबुर्रहमान पहुंचे। उन्होंने दलील दी कि आरोपियों की रिमांड अवधि पूरी हो चुकी हैं। मामले में संबंधित जांच एजेंसियों ने आरोपियों से जरुरी पूछताछ पूरी कर ली हैं। इसलिए जमानत का लाभ दिया जाना चाहिए।
शासन की ओर से कहा गया कि आरोपियों का जिस संगठन से संबंध रहा, उसे देश के लिए खतरे की संभावना को देखते हुए प्रतिबंधित किया गया था। दोनों पक्षों की ओर से दी गई दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने आरोपियों की जमानत याचिका खारिज कर दी। बता दें मध्य प्रदेश के अलग-अलग इलाके से PFI से जुड़े कई संदिग्ध आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था।
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