दिल्ली सरकार के सतर्कता विभाग ने वरिष्ठ आईएएस अधिकारी उदित प्रकाश राय को भ्रष्टाचार के एक मामले में नोटिस जारी किया है. उन पर आरोप है कि उन्होंने दिल्ली जल बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के रूप में 15वीं सदी के एक स्मारक को गिराकर एक आधिकारिक आवास का निर्माण कराया था.
अब सतर्कता विभाग ने स्मारक को गिराने और डीजेबी (DJB) के सीईओ के आधिकारिक आवास के निर्माण में कथित मिलीभगत के लिए दिल्ली जल बोर्ड के 5 अभियंताओं को भी ‘कारण बताओ नोटिस’ भी जारी किया है. डीजेबी में प्रशासनिक जिम्मेदारी वाले अभियंताओं को दो सप्ताह के अंदर जवाब देने को कहा गया है.
पठान काल का एक ‘महल’ (राजभवन) और सैय्यद वंश के खिज्र खान द्वारा स्थापित खिजराबाद शहर का एकमात्र अवशेष दक्षिण-पूर्व दिल्ली में लाजपत नगर के पास जल विहार क्षेत्र में स्थित था.
दिसंबर 2020 में पुरातत्व विभाग ने 15वीं शताब्दी में सैय्यद वंश के दौरान दिल्ली में बने ‘पठान काल महल’ का दौरा किया था. जिसके बाद पुरातत्व विभाग ने दिल्ली जल बोर्ड को पत्र लिख स्मारक के संरक्षण के लिए उसका अधिकार देने की बात कही थी. पुरातत्व विभाग की रिपोर्ट में बताया गया था कि उस वक्त वहां दो इमारत मौजूद थीं. एक महल की मुख्य इमारत और एक प्रवेश द्वार.
जनवरी, 2023 में पुरातत्व विभाग ने एक बार फिर स्मारक का दौरा किया. लेकिन पाया की वहां पर सिर्फ प्रवेश द्वार मौजूद है. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, महल की मुख्य इमारत की जगह वहां एक सरकारी आवास बना दिया गया था.
विजिलेंस डिपार्टमेंट के नोटिस में बताया गया कि सरकारी आवास बनाने के लिए प्रोजेक्ट पर लगभग 4 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं. जिस जगह पर आवास का निर्माण किया गया है वो लगभग 5500 वर्ग मीटर है.