रायपुर- रायगढ़ और बिलासपुर में प्रशिक्षु आईपीएस के रुप में विवादों में रहे उदय किरण एक बार फिर विवादों में घिर गयें हैं.महासमुंद में कल रात विधायक विमल चोपड़ा और उनके समर्थकों के साथ मारपीट की जो घटना हुई,उसमें एक बार फिर उदय किरण की भूमिका को ही जिम्मेदार माना जा रहा है.प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि उदय किरण ने खाकी का रौब दिखाते हुए विधायक और उसके समर्थकों के साथ बदसलूकी की,जिसके चलते वहां का माहौल खराब हुआ.हालात ये थे कि पुलिस के कई अधिकारी उदय किरण के उग्र बर्ताव को देखकर वहां से खिसकते दिखाई दिये.घटना स्थल के कुछ वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहें हैं,जिसमें उदय किरण का पुलिसिया रौब साफ नजर आ रहा है.वीडियो में उदय किरण विधायक के समर्थकों के साथ लाठी से ताबडतोड प्रहार करते नजर आ रहें हैं.
गौरतलब है कि विधानसभा का मानसून सत्र 2 जुलाई से शुरु होने जा रहा है,जिसमें इस मामले को लेकर सदन में हंगामा होने के आसार हैं. संसदीय परंपराओं के जानकारों के मुताबिक विधायक विमल चोपड़ा के साथ मारपीट की घटना विशेषाधिकार हनन का मामला है और इस पर स्पीकर जरूरी कार्रवाई भी कर सकतें हैं.वहीं दूसरी ओर पुलिस विभाग के आला अधिकारी भी इस घटना से सकते में हैं. पुलिस मुख्यालय के कई वरिष्ठ अधिकारियों से लल्लूराम डॉट कॉम ने बातचीत की,जिसमें अधिकारियों ने अधिकृत बयान तो सिर्फ इतना ही दिया कि इस पूरे मामले की जांच के बाद दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी.लेकिन ऑफ द रिकार्ड बातचीत में ये जरूर कह गये कि ” उदय किरण तो पूरे विभाग के लिये सिरदर्द बन गया है.जहां जाता है लाख समझाईश के बाद भी ऐसी परिस्थितियां बना देता है कि पुलिस विभाग की कार्यशैली का लेकर सवाल उठने लगतें हैं और विभाग बचाव की मुद्रा में आ जाता है.”
जाहिर तौर पर महासमुंद में उत्पन्न परिस्थितियां पुलिस विभाग के लिेये अनुकुल नहीं है और ये मामला लंबा खींचने वाला है.घटना के विरोध में आज महासमुंद बंद रहा.घटना ने अखबारों,चैनलों और वेब मीडिया में सुर्खियां बटोरी और सभी ने पुलिसिया कार्रवाई की निंदा की. विपक्ष के साथ सत्ता पक्ष के कुछ विधायकों ने भी विधायक के साथ मारपीट की घटना की निंदा की है.ऐसे में देखना होगा कि इस मामले का किस तरह से पटाक्षेप हो पाता है.