अमृतांशी जोशी, भोपाल। मध्यप्रदेश एक बार फिर गेहूं दाता बनेगा। दरअसल, केंद्रीय पूल (central pool) में गेहूं (Wheat) की कमी है। जिसके चलते प्रदेश से गेहूं की डिमांड की गई है। भारतीय खाद्य निगम (Food Corporation of India) ने एमपी से करीब 20 लाख मीट्रिक टन गेहूं की डिमांड की है। प्रदेश के गेहूं गुजरात (Gujarat), राजस्थान (Rajasthan), बिहार (Bihar), केरल (Kerala) और दक्षिण (South) समेत अन्य राज्यों में भेजा जा रहा है।
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PM Garib Kalyan Anna Yojana) में भी वितरण के लिए गेहूं की डिमांड की गई है। पिछले दिनों में 4.50 लाख मीट्रिक गेहूं दक्षिण के आस पास राज्यों में भेजा गया है। प्रदेश में फिलहाल इस साल का 35 लाख मीट्रिक टन और पिछले सालों का 40 लाख मीट्रिक टन गेहूं का स्टॉक गोदामों में उपलब्ध है।
प्रदेश में साल 80 लाख मीट्रिक टन समर्थन मूल्य (Support Price) पर खरीदने का टारगेट है। अब तक 65 लाख मीट्रिक टन खरीदी हुई है। राज्य में 15 लाख किसानों ने रजिस्ट्रेशन (Registration) कराया है। एमपी में गेहूं खरीदी की अंतिम तारीख (wheat purchase last date) 10 मई है।
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