अजय नीमा, उज्जैन। एक तरफ दूध देना बंद कर देने के बाद लोग गायों को बेसहारा छोड़ देते हैं, जिसके बाद गौमाता सड़कों पर भटकती रहती हैं। वहीं दूसरी तरफ उज्जैन जिले (Ujjain) के एक गांव के ग्रामीणों ने अनोखी मिसाल पेश की है। यहां एक गाय की मौत के बाद ग्रामीणों ने शवयात्रा निकालकर अंतिम विदाई दी।
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दरअसल, मामला उज्जैन जिले के बकानिया गांव का है, यहां मीरा नाम की गाय की उम्र होने की वजह से मौत हो गई। इसके बाद ग्रामीणों ने उसका विधिवत अंतिम संस्कार किया, उसके शव को पहले लाल रंग के कपड़े ढंका गया और फिर ट्रैक्टर पर रखकर बैंड बाजे के साथ शव यात्रा निकाली गई। जिसमें गांव की महिलाएं भी शामिल हुईं। बाद में हिंदू रीत-रिवाज के साथ अंतिम संस्कार किया गया।
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यही नहीं, गाय की समाधि बनाई जाएगी। ग्रामीणों ने बताया कि गाय को श्रद्धांजलि देकर गांव में मृत्युभोज का आयोजन भी किया जाएगा और समाधि भी बनाई जाएगी। ग्रामीणों ने कहा कि गाय को माता का दर्जा दिया जाता है। इस कारण उन्होंने विधि विधान से उसका अंतिम संस्कार किया। ये उन लोगों के लिए सीखने वाली की बात है जो गायों को बेसहारा छोड़ देते हैं।
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