रायपुर. रायपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड तथा पॉजीटिव इंडिया के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित ‘आयाम-ऊॅची उड़ान’ में मेंटर आई.ए.एस. सोनमणि बोरा ने संघ लोक सेवा तथा राज्य लोक सेवा आयोग की परीक्षा की तैयारी कर रहे परीक्षार्थियों में अपने मार्गदर्शन से एक नया आयाम जोड़ दिया. सचिव सोनमणि बोरा ने प्रतियोगियों को सक्सेस टिप्स दिये.
उन्होंने कहा कि जो प्रतिभागी सीरियस तैयारी करना चाहते हैं उन्हें प्रथम दृष्टया कड़ी मेहनत करनी पड़ेगी, इसका दूसरा विकल्प नहीं है. परन्तु यह मेहनत व्यवस्थित तरीके से होनी चाहिए. विद्यार्थियों को यह सतत् सोचना पड़ेगा कि वे इस परीक्षा को क्रेक कर सकते हैं.
इसी आत्म-विश्वास के साथ उन्हें प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करनी पड़ेगी. सबसे बड़ी बात यह है कि प्रतियोगी अपना लक्ष्य स्पष्ट रखे. जो सोचा है उसी पर फोकस करके आगे बढऩा चाहिए. स्थानीय आनंद समाज वाचनालय आयोजित इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में प्रतिभागियों से उन्होनें कहा कि एक कर्मयोगी की भांति मेहनत करते हुए परीक्षा की तैयारी करनी चाहिए. तैयारी कैसे करें के जवाब में सोनमणि बोरा ने बताया कि विषय की मूल किताबें पढ़ें, गाइड पर बिल्कुल भरोसा न करें. विष्लेषणात्मक-विष्लेषण को डेवलप करने के लिए विषय को समझें तथा लिख कर देखें. प्रतियोगियों द्वारा यह पूछे जाने पर कि दिन में कितने घंटे तैयारी में दिए जाएँ. इस पर उनका जवाब था कि नार्मल पढ़ाई के साथ 7 से 8 घंटे अवश्य दें. इसमें नींद का भरपूर ध्यान दें, क्योकि नींद शरीर तथा दिमाग को अच्छे ढंग से चलाने के लिए बहुत जरुरी है.
जिस तरह एकलव्य का एक ही सपना था और उसी को पाने के लिए उसने अपना सर्वस्व लगा दिया, ठीक उसी प्रकार अगर प्रतिभागी सिविल सर्विस की तैयारी करेंगे तो उन्हें कोई नहीं रोक पाएगा. सोनमणि बोरा ने आगे बताया कि बड़े सपने देखने चाहिए. बड़े सपने देखिए, फिर उनका पीछा करिए, पूरी शिद्दत तथा मेहनत के साथ. इस अंतराल में अपना धैर्य बनाए रखें. उन्होनें डॉ. कलाम की लाईनों को उद्धृत करते हुए प्रतिभागियों को बताया कि “सपने वो नहीं होते जो आप सोने के बाद देखते हो, बल्कि सपने वो होते हैं जो आपको सोने नहीं देते है”। यदि परीक्षार्थी इस तरह के सपने देखें तो उन्हें अपने सपने पूरे करने से कोई नहीं रोक सकता. एक प्रतिभागी द्वारा पूछे गये प्रश्न के उत्तर में सोनमणि बोरा ने बताया, अगर सफल होना चाहते हैं तो सिर्फ अपने प्रति जिम्मेदार होना पर्याप्त नहीं है. आपको सफल होने के लिए अपनी अपने राष्ट्र, अपने राज्य, समाज तथा अपने माता-पिता के प्रति जिम्मेदार होना पड़ेगा तभी आप एक बेहतर इंसान बन पाएंगे.
एक कहानी के द्वारा सोनमणि बोरा ने समझाया कि किसी भी चीज को हौव्वा मत बनाएं प्लान कीजिए और उस प्लान पर व्यवस्थित ढंग से काम कीजिए तथा इसके साथ अपना नजरिया हमेशा पॉजीटिव रखिये. उन्होंने यह भी बताया कि आई.ए.एस. तथा आई.पी.एस. के अलावा 27 तरह की सेन्ट्रल सर्विसेस है जिन्हें प्रतिभागियों को जानना चाहिए। ये सर्विस भी उतनी ही महत्वपूर्ण है जितनी की आई.ए.एस. तथा आई.पी.एस.. एक प्रतिभागी ने पूछा कि मेंस के बाद इंटरव्यू की तैयारी कैसे करें? उसके जवाब में उन्होंने कहा कि प्रतिभागी को अपने ज्ञान तथा विवेक का इस्तेमाल करते हुए अपना उत्तर प्रस्तुत करना चाहिए. इंटरव्यू बोर्ड के अधिकारी प्रतिभागी से पूछे गये प्रश्न पर उनका नजरिया जानना चाहते हैं. अगर सवाल का जवाब नही आता है, तो इधर-उधर के बजाय सीधे बोलना चाहिए कि उसे इस विषय की जानकारी नही है. इस प्रोग्राम में शहर के 200 प्रतिभागियों ने हिस्सा लेकर सिविल सर्विस परीक्षा की तैयारी का मार्गदर्शन प्राप्त किया. अपर आयुक्त अविनाष भोई ने सोनमणि बोरा तथा आए हुए प्रतिभागियों का धन्यवाद ज्ञापित किया. पॉजीटिव इंडिया के पुरुषोत्तम मिश्रा ने मंच संचालन किया.