नई दिल्ली : दिल्ली में मौसम हर रोज अपना रंग बदल रहा है. तपा देने वाली गर्मी, बारिश और बादल की लुकाछिपी के बीच राजस्थान से चली धूल भरी हवाओं ने दिल्ली वालों की परेशानी बढ़ा दी है. कहीं जमकर बारिश हो रही है तो कहीं धूप और कहीं धूल भरी आंधी से लोग परेशान हो गए हैं.

भारत मौसम विभाग के मुताबिक बुधवार को भी आसमान में डस्टी एयर का असर बना रहेगा. सुबह का तापमान 27 डिग्री और दिन का तापमान 42 डिग्री के पार रहने की उम्मीद है. इस सप्ताह के अंत यानी 22 मई को तापमान 44 डिग्री तक पहुंचने की संभावना है. इस दौरान न्यूनतम तापमान 26 से 28 डिग्री के बीच रहने की उम्मीद है. 18 मई को हल्की बूंदाबांदी और 25 से 35 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से धूल भरी हवाएं चलने की संभावना है.

मौसम विभाग ने दिल्ली और आसपास के इलाकों में धूल भरी आंधी के साथ ही बारिश का अनुमान व्यक्त किया था. मौसम विभाग का कहना था कि दिल्ली सहित उत्तर पश्चिम भारत में अगले 2 से 3 दिनों के दौरान हल्की धूल भरी आंधी और गरज के साथ छींटे पड़ने का अनुमान है.

धूल भरी आंधी की वजह से दिल्ली-एनसीआर में एयर क्वालिटी इंडेक्स भी गिर गया. दिल्ली में सुबह AQI 134 रिकॉर्ड किया गया.

आईएमडी के मुताबिक पिछले पांच दिनों से उत्तर-पश्चिम भारत में तेज गर्मी, कम बारिश और सूखी मिट्टी है. 15 मई की रात से ही धूल भरी हवाएं चलने लगी थी. दिल्ली में सुबह चार बजे पीएम-0 की सघनता 140 माइक्रो ग्राम प्रति क्यूबिक मीटर थी और सुबह 8 बजे बढ़कर 775 माइक्रो ग्राम तक हो गई. चिकित्सकों से का कहना है कि जरूरी न हो तो घर से बाहर न निकले. घर से बाहर निकलने की स्थिति में पानी का बोटल, सांस की परेशानी वाले लोग जरूरी मेडिसिन अपने बैग में जरूर रखें.

अभी गर्मी से राहत नहीं मिलने वाली है. इस सप्ताह के अंत तक 22 और 22 मई को तापमान 44 डिग्री तक पहुंचने की संभावना है. जबकि न्यूनतम तापमान 26 से 28 डिग्री के बीच रहेगा. 18 मई को हल्की बूंदाबांदी व 25-35 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से धूल भरी हवाएं चलने की संभावना है लेकिन इससे तापमान पर खासा असर नहीं पड़ेगा.

क्या है धूल भरी आंधी की वजह?

मौसम विभाग की मानें तो दिल्ली और आस-पास के इलाकों में धूल भरी आंधी राजस्थान के ऊपर बने चक्रवाती हवाओं के क्षेत्र की वजह से है. चक्रवाती हवाओं के क्षेत्र के कारण उत्तरी राजस्थान में धूल भरी आंधी और हल्की बारिश की गतिविधियां हो रही हैं. इस गतिविधि का प्रभाव राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा और पंजाब के कुछ हिस्सों में अगले 3-4 दिनों तक चरणों में देखने को मिलेगा.