बेंगलुरु. कर्नाटक विधानसभा चुनाव में भारी बहुमत से जीत हासिल करने के बाद मुख्यमंत्री पद के लिए बनी कश्मकश दूर हो गई है. पद की दौड़ में सिद्धारमैया ने डीके शिवकुमार को पीछे छोड़कर बाजी मार ली है. सिद्धारमैया 20 मई शनिवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं. जिसमें सिद्धारमैया और डीके के अलावा दोनों गुटों से आधे-आधे मंत्री बनाए जाएंगे. वहीं गुरुवार शाम विधायक दल की बैठक में सिद्धारमैया को विधायक दल का नेता चुना जाएगा. लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो सिद्धारमैया पूरे कार्यकाल तक सीएम नहीं रहेंगे. इसकी वजह 50-50 का फॉर्मूला हो सकती है.

ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद डीके शिवकुमार के सीएम बनने के बातें सामने आ रही है. चार-पांच दिन से चल रही इस सियासी उठापटक के बीच बुधवार रात पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल के घर में बैठक हुई. जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे समेत सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार मौजूद रहे. बैठक में मल्लिकार्जुन खड़गे ने डीके शिवकुमार पर इस बात के लिए दबाव बनाया कि लोकसभा चुनाव तक वो डिप्टी CM बन जाएं. इसके बाद सोनिया गांधी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उनसे बात की और उन्हें अभी डिप्टी CM बनने के लिए मना लिया.

नए सीएम को लेकर बनी सहमति

कर्नाटक में मुख्यमंत्री पद के लिए डीके शिवकुमार और सिद्धारमैया के बीच जंग चल रही थी. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से दोनों नेताओं के मेल-मुलाकात के बाद बुधवरा को दोनों नेताओं ने अलग-अलग राहुल गांधी से मुलाकात की. पहले शिवकुमार ने मुलाकात की उसके बाद सिद्धारमैया की बारी थी. जिसके बाद नए सीएम को लेकर सहमति बन गई.

50-50 के फॉर्मूले पर राजी हुई डीके

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक डीके शिवकुमार के आगे के सियासी सफर को लेकर तीन फॉर्मूले पर बात हो रही थी. जिसमें से वे 50-50 के फॉर्मूले पर राजी हुए. यानी पहले ढाई साल सिद्धारमैया सीएम रहेंगे और बाद के ढाई साल शिवकुमार. इस हिसाब से लोकसभा चुनाव के बाद 2025 में डीके शिवकुमार सीएम बनेंगे.