शब्बीर अहमद, भोपाल। भगवान राम को नकारने और काल्पनिक बताने लोग भी अब भगवान बजरंगबली की पूजा-अर्चना करने लगे हैं। हाल ही में कर्नाटक चुनाव में बजरंग दल पर बैन लगाने के मुद्दे को लेकर पूरे देशभर में पक्ष और विपक्ष में चर्चा थी। बजरंग दल पर बैन और बजरंगबली के मुद्दा गर्म होने के बाद भी वहां कांग्रेस को बड़ी सफलता मिली है। अब कांग्रेसी भी सावर्जनिक जगहों पर पूजा-अर्चना करने लगे हैं। इसी कड़ी में आज कांग्रेस कार्यालय में बजरंगबली की पूजा-अर्चना के बाद कार्यक्रम शुरू हुआ।
बता दें कि आज भोपाल कांग्रेस कार्यालय में कांग्रेस वन एवं पर्यावरण विभाग का सम्मेलन हुआ। सम्मेलन में प्रदेशभर से विभाग के पदाधिकारी शामिल हुए। पीसीसी चीफ कमलनाथ भी बैठक में शामिल हुए। सम्मेलन की अध्यक्षता प्रकोष्ठ के अध्यक्ष एसपीएस तिवारी रिटायर्ड आईएफएस ने की। बैठक में प्रदेश के सभी जिलों के प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष मौजूद रहे। कमलनाथ भी पीसीसी दफ्तर पहुंचे और वन पर्यावरण प्रकोष्ठ की बैठक में शामिल हुए। कांग्रेस कार्यालय में पहली बार बजरंगबली की पूजा के बाद बैठक शुरू हुई। कार्यकर्ताओं से मिलने से पहले कमलनाथ ने बजरंगबली की पूजा अर्चना की।
पीसीसी चीफ कमलनाथ ने अपने संबोधन में कहा कि- बहुत खुशी हुई इस कार्यक्रम में आकर। एआईसीसी (Aicc) के कार्यक्रम छोड़ आपके बीच आया हूं। पर्यावरण का मुद्दा सबसे पहले इंदरा गांधी ने उठाया था। 1991-92 मैं पर्यावरण मंत्री बना था। केंद्रीय मंत्री रहते मैं एक पर्यावरण सम्मेलन में शामिल हुआ था। अमेरिका को मैंने कहा सबसे ज्यादा आप प्रदूषण फैलाते हैं और आप हमें पाठ पढ़ाते हैं। उन्होंने दवा के लिए जड़ी बूटियों को बढ़ावा दिए जाने पर जोर दिया। कहा कि केमिकल से बनने वाली दवा से सभी को बचना चाहिए। आप एक प्रकोष्ठ नहीं आप एक रक्षक हो जीवन के लिए। गरीब लोग जंगल की रक्षा करते हैं। ये लोग जंगल छोड़ दें तो जंगल की रक्षा कौन करेगा?
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