शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्य प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर गोविंद सिंह (Leader of Opposition Govind Singh) ने बीजेपी सरकार पर सनसनीखेज आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि चुनाव में गड़बड़ी करने के लिए इकबाल सिंह बैंस (Chief Secretary Iqbal Singh Bains) को फिर से चीफ सेक्रेटरी बनाया गया है। नेता प्रतिपक्ष ने मुख्य चुनाव आयुक्त को पत्र लिखकर चीफ सेक्रेटरी इकबाल सिंह बैंस की सेवा वृद्धि निरस्त करने की मांग की है। बता दें कि हाल ही में मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस का कार्यकाल बढ़ाया गया है।

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नेता प्रतिपक्ष ने पत्र में लिखा है कि चीफ सेक्रेटरी इकबाल सिंह बैंस की 2022 में सेवानिवृत्ति के बाद सीएम शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश के बहुत से महत्वपूर्ण और काबिल आईएएस अधिकारियों को दरकिनार करते हुए छह माह की सेवावृद्धि दिलाई। वर्तमान में मुख्य सचिव बैंस का कार्यकाल 31 मई 2023 तक नियत होने के बाद फिर 10 नवंबर तक के लिए सेवावृद्धि बढ़ा गई है, केंद्र सरकार ने 17 मई को इस संबंध में आदेश में जारी कर दिया है। जबकि नियम यह है कि किसी भी अधिकारी को सेवानिवृत्ति के बाद सेवावृद्धि विशेष परिस्थितियों में ही किया जाना है। मुख्य सचिव इकबाल बैंस की सेवावृद्धि लगातार छह-छह माह के लिए दो बार कराने का कोई विधिसम्मत आधार नहीं है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि कर्नाटक चुनाव में मिली हार से बीजेपी के लोग डरे हुए हैं, इसलिए उन्होंने मुख्य सचिव की छह माह के लिए और सेवावृद्धि बढ़ा दी गई है। जिससे आगामी चुनाव को प्रभावित किया जा सके। उन्होंने मांग की है कि मुख्य सचिव की सेवावृद्धि को रद्द किया जाए।

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गोविंद सिंह ने कहा कि पत्र के बाद इलेक्शन कमीशन ने मुख्य सचिव को अगर नहीं हटाया तो कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल मुलाकात करेगा। इकबाल सिंह बैंस चीफ सेक्रेटरी रहेंगे तो चुनाव में धांधली हो सकती है। कई सीनियर IAS अफसर को दरकिनार कर चुनाव में गड़बड़ी करने के लिए इकबाल सिंह बैस को फिर से चीफ सेक्रेटरी बनाया गया है।

वहीं जबलपुर से कांग्रेस विधायक विनय सक्सेना ने कहा कि सरकार नहीं चाहती की कोई निर्णय लेने वाला अधिकारी कुर्सी पर बैठे। सरकार को अधिकारी के रूप में सिर्फ रबर स्टैंप चाहिए। एक तरफ कर्मचारियों को वालियंटर रिटायरमेंट दिया जा रहा है, दूसरी ओर एक्सटेंशन दिया जा रहा है। प्रदेश को सीएम नहीं, कुछ अधिकारी चला रहे हैं। अब विधायिका का कोई ख़ास स्थान नहीं रह गया है।

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