पुरुषोत्तम पात्रा,गरियाबंद. छत्तीसगढ़ में गरियाबंद जिले के किडनी प्रभावित सुपेबेड़ा गांव में मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. सरकार की लाख कोशिशों के बाद भी मौत का तांडव लगातार जारी है. इसी क्रम में शनिवार को 54 वर्षीय तपेश्वर की किडनी की बीमारी से मौत हो गई.

इसे भी पढ़े- मुख्यमंत्री कर चुके हैं मदद की अनुशंसा मगर सीएम निवास के सुरक्षा गार्डों ने मौत से सुबक रहे सुपेबेड़ा के युवक को खदेड़ा…

परिजनों के मुताबिक वह पिछले 6 महीने से किडनी की बीमारी से पीड़ित था. जिसका इलाज देवभोग अस्पताल में चल रहा था. शासन द्वारा लगाए गए सभी शिविरों में भी वह गया था, लेकिन उसके बाद भी तपेश्वर को नहीं बचाया जा सका. परिजनों ने मौत के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया है.

इसे भी पढ़े- सुपेबेड़ा में एक्सपायरी डेट दवाई बांटने का आरोप, अमित जोगी ने सरकार पर लगाया गंभीर लापरवाही का आरोप

इधर, घटना को लेकर गांव में दहशत का माहौल बना हुआ है. वहीं सरकार के खिलाफ ग्रामीणों में नाराजगी भी साफ नजर आ रही है.

इसे भी पढ़े- सुपेबेड़ा के बाद अब छत्तीसगढ़ के इस गांव में भी किडनी के रोग से कई मौतें, कई लोग किडनी डिजीज से पीड़ित, राजनीति शुरू

बता दें कि सुपेबेड़ा में बड़े पैमाने पर किडनी की बीमारी फैली हुई है. दो साल में अब तक 65 से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं. गांव में अब भी सौ से ज्यादा लोग किडनी की बीमारी से जूझ रहे हैं. लेकिन उनके उचित उपचार के लिए अब तक कोई बड़ी पहल नहीं की गई है. जिससे सूपेबड़ा में किडनी की बिमारी से मौत का सिलसिला लगातार जारी है.