रायपुर. आतंकी संगठन सिमी का पैसा आतंकवादियों तक पहुंचाने के आरोपी धीरज साव के खिलाफ ईडी ने शनिवार को 600 पन्ने का चालान पेश किया है. बता दें कि ईडी ने धीरज की संपत्ती पहले ही कुर्क कर ली थी. जिसके बाद अब उसके खिलाफ शिकंजा कसते हुए चालान भी पेश कर दिया गया है.

आपको बता दें कि धीरज साव को इंडियन मुजाहिद्दीन के एजेंट होने के चलते 2013 मेंं गिरफ्तार किया गया था. ईडी ने उस दौरान बताया था कि धीरज साव पाकिस्तान नागरिक खालिद के संपर्क में आकर आतंकी संगठनों को मदद के लिए अपने सहयोगियों के नाम से खोले गए बैंक खातों का इस्तेमाल करता था और पैसे हस्तांतरित करता था.

ईडी ने यह भी कहा था कि धीरज साव ने पूछताछ में स्वीकार किया है कि सिमी और इंडियन मुजाहिदीन से जुड़े लोगों के खातों में पैसा भेजने के एवज में कमिशन के रूप में साढ़े तीन लाख स्र्पए मिला है.  पड़ताल में यह भी बात सामने आई थी की  जुबैर हुसैन, आयशा बानू, राजू खान और अन्य लोगों के नाम पर खोले बैंक खातों में पैसा जमा किया गया. इनके खातों में तीन करोड़ से ज्यादा की राशि जमा की गई.

तीन लाख रुपए मिले थे…

इतना ही नहीं वर्ष 2012-13 में इन लोगों के खातों में सवा तीन करोड़ स्र्पए जमा किए गए. यह पैसा धीरज साव और अन्य लोगों ने इनके खातों में जमा किया. इन तीनों ने इस पैसे को आतंकी संगठनों से जुड़े लोगों के खातों में भेजने का काम किया. इस दौरान जुबैर हुसैन ने भी इस बात को स्वीकार किया था कि आईएम और सिमी के आतंकियों को फंड भेजने के एवज में उनको भी तीन लाख स्र्पए मिले थे.

आपको बता दें कि एटीएस रायपुर और क्राइम ब्रांच ने 2013 में राजधानी के नूरानी चौक और राजातालाब से आधा दर्जन से ज्यादा लोगों को प्रतिबंधित संगठन सिमी के सदस्य होने के आरोप में गिरफ्तार किया था. इस मामले की जांच के दौरान एटीएस को पता चला था कि खमतराई के एक युवक के पास पाकिस्तान से लगातार फोन आ रहा था. पुलिस ने उसका कॉल ट्रेस किया और खाते से जानकारी निकाली. उसके बाद खमतराई के धीरज साव को गिरफ्तार किया गया था. विदित हो की आरोपी राजधानी के ही खमराई में ठेला चलाया करता था.  आरोपी धीरज ग्राम छुट्टू थाना धनवा जिला जमुई बिहार का रहने वाला है. जो अब बिलासपुर जेल में बंद है.