निशा मसीह,रायगढ़.  महिला अधिवक्ता के बहुचर्चित मर्डर केस में हाईकोर्ट ने भी निचली अदालत के मुख्य आरोपी के आजीवन कारावास के फैसले को बरकरार रखा है. इस मामले में बुधवार को अंतिम सुनवाई थी. जिसमें चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने सुनवाई करते हुए निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा है. बता दें कि ये मामला 22 अक्टूबर 2003 में रायगढ़ में हुए बहुचर्चित संगीता कालिया हत्याकांड से जुड़ा है.

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इस मामले में सजा काट रहे आरोपियों की दया याचिका पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने डिवीजन बैंच के फैसले को सुरक्षित रख लिया था. जिस पर हाईकोर्ट ने आज निचली अदालत  का फैसला बरकरार रखा है. ज्ञात हो कि निचली अदालत ने घटना को अंजाम देने वाले मुख्य आरोपी अधिवक्ता अशोक मिश्रा, सह आरोपी अमित मिश्रा को आजीवन कारावास, भाजपा पार्षद हेमराज अग्रवाल को 7 साल और हरीश पटनायक को 3 साल की सजा सुनाई थी.

अवैध संबंध थे कारण…

आपको बता दें कि रायगढ़ के अपराध विशेषज्ञ अधिवक्ता रहे वकील अशोक मिश्रा के उसकी महिला सहयोगी वकील संगीता कालिया से अवैध संबंध थे.  मिली जानकारी के अनुसार दोनों लिव इन रिलेशनशिप में रह रहे थे. इस बीच महिला वकील गर्भवती हुई और आरोपी ने कई बार उसका गर्भपात करवाया.

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गर्भवती होने के बाद महिला ने अशोक मिश्रा से शादी करने का दबाव डाला. बताया जाता है कि आरोपी वकील पहले से ही शादीशुदा था, जिसके कारण वह दूसरी शादी नहीं करना चाहता था.  इसके बावजूद बार-बार महिला द्वारा शादी का दबाव बनाए जाने पर आरोपी ने अपने तीन साथियों के साथ मिलकर महिला की योजनाबद्ध तरीके से हत्या कर शव सारंगढ़ बाईपास के पास फेंक दिया था.

मामले में पुलिस ने अशोक मिश्रा सहित तीन अन्य साथियों को गिरफ्तार किया था, जिसके बाद कोर्ट ने मुख्य आरोपी अशोक मिश्रा, और उसके भतीजे को आजीवन कारावास की सजा सुनाई वहीं एक आरोपी हेमराज को 7 साल और एक को तीन साल की सजा जुनाई थी.