रायपुर.  विधनसभा में मानसून सत्र के आखिरी दिन विपक्ष ने सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया है. इस पर चर्चा शुरू करते हुए कांग्रेस विधायक धनेन्द्र साहू ने कहा जब जनता का विश्वास सरकार से टूट जाता है, तब जनता की भावनाओं को ध्यान में रखकर विपक्ष होने के नाते हम सरकार पर अविश्वास जता रहे हैं. साहू ने कहा सरकार घमंड से भरी है. दंभी हो गई है. हम सरकार की गैरत जगाने खड़े हुये हैं. अभी भी आप अपनी गलतियों को सुधार सकते हैं. आज बस्तर से लेकर सरगुजा तक चारों ओर जनता कुशासन से त्रस्त है. हाहाकार मचा है. धनेन्द्र साहू ने प्रदेश के कई हिस्सों में पड़ रहे सूखे को लेकर भी सरकार पर ठिकरा फोड़ा है. साहू ने कहा 15 सालों के पाप का फल है कि लगातार प्रदेश सूखे के हालात से गुजर रहा है. सरकार की आमदनी ऐसे ही नहीं बढ़ गई, प्राकृतिक संपदा का दोहन कर सरकार का बजट 90 हजार करोड़ तक जा पहुँचा है. पर्यावरण की चिंता किये बगैर अंधाधुंध दोहन किया जा रहा है प्राकृतिक संपदाओं का. दोहन के बाद जो आय बढ़ रही है उसमें से कितनी राशि किसानों के लिए, कर्मचारियों के लिए, युवाओं के लिए खर्च हो रहा है. साहू ने आरोप लगाया दोहन का लाभ चंद लोगों के हाथों में जा रहा है. सरकार भ्रष्टाचार के आकंठ में डूबी हुई है.

इसके अलावा उन्होंने आरोप लगाया कि बड़ी तादाद में आयोग, मंडल बना दिए गए है. जबकि ज्यादातर का सरकार में इनका योगदान नहीं है. इन्हें सिर्फ उपकृत किया गया है. साहू ने आरोप लगाया कि सरकारी कार्यालयों में बिना रिश्वत दिए कोई काम नहीं हो रहा. सिटीजन चार्टर का कोई लाभ नहीं है. छोटे दफ्तर से मंत्रालय तक बिना भ्रष्टाचार काम नहीं हो रहा

राजनीतिक जनप्रतिनिधियों को दबाने-कुचलने के लिए सत्ता का दुरुपयोग हो रहा है. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल को झूठे प्रकरण में फंसाया जा रहा है. देवती कर्मा, विमल चोपड़ा के साथ अत्याचार हो रहा है. कोई वर्ग खुश नहीं है. ऐसा कोई वर्ग नहीं है जो आंदोलनरत न हो. शिक्षाकर्मी, आंगनबाड़ी, मितानिन, कर्मचारी सब हड़ताल पर हैं. पिछले साल गंगरेल में पानी रहते हुए पानी नहीं दिया गया. 3200 किसानों ने गिरफ्तारी दी. केस दर्ज किया गया. लाठीचार्ज में सलोनी गांव के किसान की मौत हो गई. बर्बरतापूर्ण कार्रवाई किसानों पर की गई. नर्सों के साथ जेल में दुर्व्यवहार किया गया. धमतरी में 44 निर्दोष किसानों से मारपीट की गई थी. प्रदेश में खेती का रकबा कम होते जा रहा है. छह लाख से अधिक रकबा घट गया है. कृषि की हालत बदतर हो गई है. समर्थन मूल्य 2100 रुपये देने, 300 रुपये बोनस हर साल देने, एक एक दाना धान खरीदने की बात कहीं थी.