रायपुर. अविश्वास प्रस्ताव को लेकर सदन में लगातार चर्चा जारी है. इस दौरान मंत्री अमर अग्रवाल ने कहा की विपक्ष का आरोप उन्हीं पर उल्टा पड़ रहा है. विपक्ष को देखकर लग रहा है मानो सत्तापक्ष ने अविश्वास प्रस्ताव लाया हो और उसे देखकर विपक्ष भाग रहा है. उन्होंने आगे कहा कि  झूठ के आधार पर कोई सत्ता में नहीं आता. कोई दल आगे नहीं बढ़ता.  इतना लचर अविश्वास प्रस्ताव नहीं देखा. आरोप है ही नहीं.  अग्रवाल ने कहा कि आरोप पत्र को लेकर खुद कांग्रेस सीरियस नहीं है. नेता प्रतिपक्ष से ये गलती कैसी हो गई? जबकि वो पढ़ते लिखते हैं. समितियों के रेफरेंस को भी पढ़ते हैं. आरोप पत्र में लिखा है कि छत्तीसगढ़ को झुग्गी झोपड़ी वाला प्रदेश बना दिया है.

60 सालों तक आपने राज किया है. आज हम 18 फीसदी पर इसे लेकर आये हैं तो इसका श्रेय रमन सरकार को जाता है. आवास की समस्या को यदि किसी ने समझा तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने. इस संकल्प के साथ की जब देश की आजादी की 75वीं वर्षगांठ मनाई जाएगी तो देश का कोई भी परिवार आवासहीन ना हो. हमने सर्वे कराया है कि 3 लाख आवेदन हमारे पास आये है. 3 लाख आवेदन को हम 2022 तक पूरी करेंगे तो कुल लागत 12 हजार करोड़ रुपये की आएगी.

यह भी पढ़ें :BREAKING : सेक्स सीडी मामले पर मंत्री राजेश मूणत ने कहा- ‘मैं नहीं चाहता मेरे बाद कोई और परिवार बर्बाद हो

मंत्री ने कहा कि  देश में स्वच्छता सर्वेक्षण में यदि बेस्ट प्रैक्टिसेस के लिए अवार्ड मिला है तो नेता प्रतिपक्ष के शहर अम्बिकापुर को मिला है. जीएसटी को लेकर मैंने भी कहा था कि यह छत्तीसगढ़ के हित में नहीं है. क्योंकि तब की केंद्र सरकार राज्यों का भरोसा नहीं जीत पाई. हमने कहा कि इसके लिए एक मैकेनिज्म डेवलप कीजिये. उस वक़्त राज्यों को होने वाले नुकसान की भरपाई से केंद्र ने इंकार कर दिया था. ये कुशलता है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री अरुण जेटली का जिन्होंने संविधान संशोधन में राज्यों के हितों का ख्याल रखा.

जीएसटी काउंसिल में आज तक सारे फैसले सर्वानुमति से हुए है. कई राज्यों के मुख्यमंत्री-वित्त मंत्री इसमें शामिल हैं. लेकिन हर फैसले सर्वानुमति से होते है. लेकिन बाहर आकर कुछ लोग इसकी कमियों का जिक्र करते हैं. शराब की बात नहीं होगी तो किसी को मजा नहीं आएगा.

शराब एक सामाजिक बुराई..

अमर अग्रवाल ने कहा कि कई बार मैं इस सदन में कह चुका हूँ शराब एक सामाजिक बुराई है. लेकिन एक बात कहूंगा कि हमने संकल्प के साथ शराब की नई नीति बनाई थी. संकल्प था कि सहजता से शराब बिक्री नहीं होने देंगे. जब ठेकेदार चलाते थे और आज हम चला रहे हैं तो 26 फीसदी की गिरावट आई है. साथ ही राजस्व की वृद्धि हुई है. आज हम गांवों में जाते है तो गांव वाले कहते हैं कि दुर्घटनाओं में कमी आई है.  एक तरफ शराबबंदी की बात कहते हैं और दूसरी तरफ बिक्री कैसी बढ़ गई? इसे लेकर सवाल पूछते हैं. शीला दीक्षित 15 सालों तक दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं, वहां भी शराब की बिक्री सरकार के अधीन है. केरल, तमिलनाडु में की शराब नीति भी ऐसी ही है.

अग्रवाल ने आगे कहा कि एनएमडीसी, एनटीपीसी खुद माइनिंग नहीं करके एमडीओ के जरिये माइनिंग कर रही है, इसमें गलत क्या है. एमडीओ के पीछे सरकार उद्देश्य नहीं है. इसके पीछे विपक्ष का लक्ष्य कुछ और है.  झगड़ा तो अभी से शुरू हो गया है. न सूत न कपास जुलाहों में लट्ठम लट्ठा.

यह भी पढ़ें :अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान भूपेश ने सैलेट इंडिया कंपनी द्वारा जमीन खरीदी मामले को मुख्यमंत्री निवास से जोड़ा…

छत्तीसगढ़ विकास के क्षितिज पर चमक रहा है…

हम लोकतंत्र को मानने वाले है. प्रतिपक्ष जितना मजबूत होगा लोकतंत्र उतना मजबूत होगा.लेकिन यहां प्रतिपक्ष के नेताओं में झगड़ा है. चिंता तो तब बढ़ जाती है जब राहुल गांधी प्रशंसा कर देते हैं. अध्यक्ष को तकलीफ हो जाती है. नेता जी को इतनी तेजी से नहीं चलना चाहिए. आरोप पत्र में आदिवासियों के हनन का भी जिक्र किया गया है. प्रधानमंत्री आवास योजना का मैंने जिक्र किया कि आजादी के बाद जिन्हें उसका हक मिलना चाहिए था नहीं मिला.मोदी जी के आने के बाद इस दिशा में चिंता हुई. आदिवासियों के साथ भी यही हुआ. कहा जाता था कि अमीर धरती के गरीब लोग. मोदी जी के आने के बाद डीएमएफ का गठन हुआ. प्रधानमंत्री नीति आयोग की बैठक में कहते हैं कि देश मे यदि डीएमएफ को लेकर यदि सबसे अच्छी नीति किसी राज्य ने बनाई है तो वह छत्तीसगढ़ है. जिसके चश्मे का जो रंग होता है, वैसी ही दुनिया दिखाई देती है. छत्तीसगढ़ विकास के क्षितिज पर चमक रहा है, लेकिन विपक्ष को राज्य का विकास कभी दिखाई नहीं देगी