संस्कृत को विश्व की सबसे प्राचीनतम भाषा में से एक माना जाता है, इसे देवभाषा भी कहा जाता है. अधिकांश हिंदू धर्म ग्रंथ संस्कृत भाषा में ही लिखे गए हैं. संस्कृत भाषा से कई भाषाएं जैसे हिंदी, पंजाबी, बांग्‍ला, मराठी आदि उत्पन्न हुई है. इस भाषा ने एकबार फिर से रिसर्च से लेकर अध्‍यापन कार्य तक में अपनी महत्‍व को बढ़ाने लगा है. जिसके कारण छात्र अब इस भाषा को करियर बनाने के लिए भी चुनने लगें है. संस्कृत में इतनी वैज्ञानिकता होने के कारण ही अमेरिका, रूस, स्वीडन, कनाडा, जर्मनी, ब्रिटेन, फ्रांस, जापान, आस्ट्रिया देशों में नर्सरी से ही बच्चों को संस्कृत की शिक्षा मिलने लगी है.

कैसे की जा सकती है डिग्री कंप्लीट

संस्कृत विषय को स्पेशल सब्जेक्ट के तौर पर चुन करके 3 साल की अवधि में आपकी ग्रेजुएशन डिग्री कंप्लीट की जा सकती है. तो वहीं 1 वर्षीय डिप्लोमा कोर्स किए जा सकते हैं. इसके अलावा आप मास्टर ऑफ आर्ट्स संस्कृत भी कर सकते हैं. इसकी अवधि 2 वर्ष की होती है। हालांकि संस्कृत विषय में रिसर्चर के तौर पर गहन शोध करने के लिए आपको डॉक्टरेट की उपाधि लेनी होगी जिसके लिए पीएचडी करना होगा.

क्या हैं करियर संभावना

आज के डिजिटल युग में संस्कृत विषय से पढ़ाई करने वाले युवाओं की मांग है. चाहे वह इंटरनेट सर्विस, सोशल मीडिया, वेब डिजाइनिंग ज्योतिष या उससे संबंधित अन्य काम. कर्मकांडों को कराने के अलावा संस्कृत भाषा के अनुवादक, लेखक, शिक्षक के रूप में भी कार्य कर सकते हैं. बड़े-बड़े मंदिरों और धार्मिक स्थलों पर पुजारी का कार्य भी कर सकते हैं. इसके अलावा शासकीय नौकरियों में भी शास्त्री और आचार्यों की भर्ती की जाती है. सेना में भी आप इसकी पढ़ाई करके सेवारत हो सकते हैं.

कोर्स के लिए प्रमुख संस्थान

दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली
सेंट स्टीफंस कॉलेज, दिल्ली
जेएनयू, दिल्ली
पटना विश्वविद्यालय, पटना
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, बनारस
इलाहाबाद विश्वविद्यालय, इलाहाबाद
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (IGNOU) ने संस्कृत में सर्टिफिकेट कोर्स शुरू किया है.

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