रायपुर. रिलीज के बाद से आदिपुरुष का ट्रेलर लॉन्च होने के साथ ही ये फ़िल्म विवाद में आ गई है. उसके बाद भी फ़िल्म के निर्माता निर्देशक देश के लोगों की धार्मिक भावनाओं का अपमान करते हुए बिना किसी बदलाव के ऐसी अमर्यादित फ़िल्म रिलीज़ कर दी. जिससे पूरे सनातनी समाज में ग़ुस्सा व्याप्त है. हर जगह विरोध किया जा रहा है. इसी कड़ी में राजधानी में भी फिल्म निर्माता और लेखक के पुतले को फांसी पर लटकाकर जमकर नारेबाजी की. साथ ही कांग्रेस नेता विनोद तिवारी ने भी इस फिल्म की जमकर आलोचना की.

कांग्रेस नेता विनोद तिवारी ने कहा, आदिपुरुष फ़िल्म में भगवान श्री राम वीर हनुमान रावण मेघनाथ सहित सभी किरदार का घोर अपमान है. साथ ही स्तर हीन संवाद प्रस्तुत कर करोड़ों सनातन के मनाने वालों का अपमान किया है. ये आस्था का अपमान है. पूरे देश का अपमान है. प्रभु श्री राम के मनाने वालों का अपमान है.

कांग्रेस नेता विनोद तिवारी ने कहा कि, लगातार विवाद और विरोध से जूझ रही इस फिल्म को लेकर देश भर में विरोध जारी है. प्रमुख रूप से फिल्म के संवादों को लेकर जनता बिल्कुल भी फिल्म चलने देने के पक्ष में नही हैं. सोशल मीडिया पर भी इस फिल्म का जमकर विरोध हो रहा है. कोई भी इस फिल्म के लिए समर्थन में एक आवाज नहीं उठा रहा है. निर्देशक ओम राउत और मनोज मुंतशिर की अमर्यादित रामायण को लोगों ने एक सिरे से नकार दिया है.

विनोद तिवारी ने बताया कि, आज शाम 6 बजे रायपुर बूढ़ा तालाब स्थित धरना स्थल में फिल्म के निर्माता ओम राउत और मनोज शुक्ला के पुतले को फांसी पर लटकाया गया. साथ ही फिल्म निर्माता लेखक एवं सेंसर बोर्ड केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाज़ी की गई.

विनोद तिवारी ने कहा, फिल्म में मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम जी के साथ और रामायण की मूल भावना के साथ मजाक किया गया है. माता सीता जी का अपमान किया गया है. माता सीता को लो कट ब्लाउज और लो वेस्ट साड़ी पहनाकर फिल्म में प्रदर्शित करना घोर आपत्तिजनक है. वीर हनुमान जी के स्वरूप पहनावे बोली भाषा में बदलाव कर ऐसे शब्दों का इस्तेमाल किया गया है, जोकि बहुत ही गिरे स्तर का है. जिसके लिए फिल्म के निर्माता को देश की जनता कभी माफ नहीं करेगी. प्रकांड विद्वान रावण मेघनाथ का भी अपमान किया गया है. ऐसी फिल्म को किस षड्यंत्र के तहत बनाई गई है. इसका असर आने वाली पीढ़ियों पर क्या पड़ेगा.

आगे उन्होंने कहा, हनुमान जी का संवाद में मवाली भाषा का उपयोग किया गया है. कपड़ा तेरे बाप का तेल तेरे बाप का आग तेरे बाप का तो जलेगी भी तेरे बाप की, तेरी बुआ का बगीचा है क्या, मेघनाथ के पूरे शरीर में टैटू बनाया गया है, सनातन में अभिवादन करबद्ध हो दण्डवत प्रणाम किया जाता है. फिल्म में छाती पर हांथ रखकर अभिवादन दिखाया गया है. लंका को काला दिखाया गया है. रावण के साथ चमगादड़ दिखाया जाना ये सब उटपटांग समझ से परे है.

विनोद तिवारी ने आगे यह भी कहा कि, स्वयं को तथाकथित राम भक्त बताने वाले श्री राम के नाम से वोट मांगने वाले आज कहां पर छुप कर बैठे हैं. अब तक यह अमर्यादित फिल्म प्रतिबंधित क्यों नहीं हुई. जबकि केंद्र में भाजपा की सरकार है. सेंसर बोर्ड मोदी जी के अधीन है. टेलर रिलीज़ होने के बाद से ही इसका विरोध चालू है. तब भी केंद्र सरकार ने चुप्पी क्यों साध रखी थी. क्या प्रभु श्री राम जी का अपमान करवाने के इस कृत्य में मोदी जी अपनी मौन सहमति प्रदान कर दिये हैं.

विनोद तिवारी ने कहा कि, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से इस अमर्यादित फ़िल्म को बैन करने की मांग की जाएगी. साथ ही धार्मिक भावनाओं को भड़काने सनातन का अपमान कर माहौल खराब करने वालों के खिलाफ क़ानूनी कार्रवाई की बात भी कही है. आज विरोध दर्ज करने वालों में विनोद तिवारी, राम चक्रधारी, बिट्टू शर्मा, चंदन विश्वास, राजेश टंडन, सागर बाघमारे, सरताज रजा, विकास तिवारी, दीप सिन्हा, अमित पांडेय शाहिद ख़ान आदि शामिल हुए.