पुरुषोत्तम पात्रा,गरियाबंद. इस बार बारिश का मौसम शुरु होते ही लोगों के लिए आफत बना हुआ है. जिले के कोदोमालि के पास नेशनल हाइवे में जाम लग गया है. बीती रात एक बजे माल वाहक स्लिप होकर बीच सड़क में फंस गई. दोनों तरफ तकरीबन 100 वाहनों की लंबी कतार लगी हुई है. रोज-रोज हो रहे जाम से यात्री बसों में सवार सैकड़ों यात्रियों के अलावा कारोबारी को भारी मुस्किलों का सामना करना पड़ रहा है. तीसरे दिन जाम की खबर के बाद आज राजधानी की ओर जाने वाले कई लोगों ने ओडिशा नुवापडा होते महासमुंद से राजधानी का रास्ता पकड़ा है. नेशनल हाइवे पर अव्यवस्था के चलते लोगों में आक्रोश देखने को मिल रहा है.
दरअसल तीन साल पहले अभनपुर से देवभोग ओड़िसा सीमा तक 196 किमी सड़क को नेशनल हाइवे एनएच घोषित तो कर दिया, पर निर्माण के लिए फूटी कौड़ी नहीं दिया गया. केंद्र 130 सी का नाम केंद्र सरकार ने कर तो दिया, लेकिन काम के लिए प्रस्तावित 1600 करोड़ रुपए की मंजूरी पर अब तक मुहर नहीं लगाया गया है. एनएच में सड़क का बदलाव होने के कारण इसकी देखरेख राज्य सरकार के ओर से समय पर नहीं हो पा रहा है. विभाग के एसडीओ एके श्रीवास्तव ने बताया कि एफडीआर मद से चिन्हाकित कुल 62 किमी छतिग्रस्त हिस्से का मरम्मत किया जा रहा है. इसके लिए 42 लाख 75 हजार की मंजूरी मिली है.
बारिश की वजह से लागातार तीन दिनों तक जाम ने माल वाहकों की चिंता बढ़ा दी है. झरियाबहरा तिगड्डे में ओड़िसा आंध्रा आने वाली 30 से भी ज्यादा बड़ी वाहनों की कतार लगी हुई है. वाहन चालक मौसम खुलने के इंतजार में है ताकि बारिश में लथपथ सड़क के कीचड़ में गाड़ी फंस न जाए. 130 एनएच और 132 केवी विद्युत सब स्टेशन की समस्या अगामी चुनाव में बीजेपी के गले की फांस बन सकती है. दोनों महत्वपूर्ण योजना के लंबित होने का खामियाजा इलाके के सवा लाख वोटर्स पर सीधा पड़ रहा है, इन महत्वपूर्ण योजना के क्रियान्वयन में देरी जहां कांग्रेस ओ जेसीसी के लिए बेहतरीन चुनावी मुद्दा साबित होने जा रहा है. वहीं बीजेपी के जनप्रातिनिधि इस मसले पर जनता के सामने निरुत्तर नजर आ रहे हैं.
बता दें कि एफडीआर की रिपोर्ट पिछले साल बारिश के बाद दिल्ली भेजी गई थी. पैसों की मंजूरी मिलते महीनों बीत गए. टेंडर प्रक्रिया में भी महीनों लग गए. जिसके चलते काम को भरे बारिश में कराया जा रहा है. जबकि बारिश में मई-जून के पहले ही सड़क के दोनों छोर बने गढ़ो को पाटने का काम कर दिया जाना था. पुराने सिंगल वे की सड़क है जिसके दोनों छोर मुरुम के नाम पर कीचड़ होने वाली मिट्टी का उपयोग किया जा रहा है. 20 दिन पहले जब काम शुरु हुआ तो, बारिश होते ही वाहन लगातार दुर्घटना के सीकर हो रहे है. इस 20 दिन में 6 छोटे बड़े वाहन मुरम में स्लिप होकर सड़क से उतर गई है.