पंजाब की भगवंत मान सरकार अब अपनी पसंद के पुलिस अफसर को डीजीपी नियुक्त कर सकेगी। पंजाब विधानसभा ने सर्वसम्मति से संघ लोक सेवा आयोग के एकमात्र दायरे से चयन प्रक्रिया को हटाकर राज्य पुलिस बल के प्रमुख की नियुक्ति के लिए मंगलवार को पंजाब पुलिस संशोधन विधेयक 2023 पारित किया।

संशोधित विधेयक के मुताबिक, राज्य द्वारा नियुक्त समिति पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) पद के लिए विचार किए जाने वाले भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के तीन अधिकारियों की सूची बनाएगी। राज्य सरकार इस सूची में से एक अधिकारी का डीजीपी पद के लिए चयन करेगी।

Bhagwant Mann tweet

यूपीएससी प्रक्रिया को दायरे से बाहर करने के लिए पंजाब आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के बाद कानून पारित करने वाला तीसरा राज्य है। 2018 में आंध्र और तेलंगाना में प्रासंगिक अधिनियमों में संशोधन को दोनों राज्यों के राज्यपालों से स्वीकृति मिली है।
मौजूदा नियम के मुताबिक, राज्य सभी पात्र अधिकारियों के नाम यूपीएससी को भेजते हैं। फिर यूपीएससी तीन अधिकारियों को चुनता है, जिनमें से राज्य सरकार एक का चयन करती है। विधेयक के अनुसार राज्य सरकार सेवा की अवधि, सेवा रिकॉर्ड और अनुभव सहित विभिन्न मानदंडों के आधार पर पात्र अधिकारियों में से तीन अधिकारियों की सूची तैयार करने के लिए सात सदस्यीय समिति का गठन करेगी। इस समिति का नेतृत्व पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश या सेवानिवृत्त न्यायाधीश करेंगे।

बिना किसी विरोध के पारित हुआ विधेयक


वहीं इसके अन्य सदस्यों में राज्य के मुख्य सचिव, यूपीएससी के एक नामित सदस्य, पंजाब लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष या नामित सदस्य, केंद्रीय गृह मंत्रालय के एक नामित सदस्य और पंजाब पुलिस के एक सेवानिवृत्त डीजीपी शामिल होंगे। पंजाब के गृह विभाग के प्रशासनिक सचिव समिति के सदस्य-संयोजक होंगे। आम आदमी पार्टी के बहुमत वाले सदन में यह विधेयक बिना किसी विरोध के पारित हो गया। उल्लेखनीय है कि राज्यपाल की सहमति के बाद ही विधेयक कानून बनता है।

Mann government will now appoint police officer of its choice as DGP