मॉर्डन लाइफस्टाइल में महिलाएं खूबसूरत लुक के लिए मेकअप (Makeup) करती हैं. मेकअप करने के दौरान अगर कोई बच्चा सामने आकर कह दे, मुझे भी लिपस्टिक (Lipstick) लगानी है, तो उसका मन रखने के लिए आमतौर पर उसे लिपस्टिक लगा दी जाती है. साथ-साथ में उसकी तारीफ कर दी जाती है कि यह तुमपर अच्छा दिख रहा है. इससे बच्चे का मन भी खुश हो जाता है. लेकिन इनमें कई तरह के केमिकल्स यूज किए जाते है, जो बच्चों की सेंसिटिव स्किन को बुरी तरह डैमेज करते हैं. कॉस्मेटिक्स की वजह से बच्चे की स्किन डार्क हो सकती है. इसके अलावा ब्यूटी प्रोडक्ट्स में मौजूद सल्फर, सिलिकॉन और फ्रेगरेंस (खुशबू) मौजूद होते हैं. इसकी वजह से बच्चे की स्किन पर रैशेज, एक्ने जैसी समस्याएं हो सकती हैं.

पेरेंट्स को चाहिए कि वे बच्चे को मेकअप से दूर रखें

किसी भी कॉस्मेटिक पर नेचुरल होने के कितने भी दावे किए जाएं, सभी प्रोडक्ट्स में किसी न किसी केमिकल का इस्तेमाल होता ही है. ऐसे में पेरेंट्स को चाहिए कि वे बच्चे को मेकअप से दूर रखें. उनके मुताबिक टीनएज में केराटिन ट्रीटमेंट, रिबोंडिंग और हेयर स्ट्रेटनिंग का ट्रेंड भी बढ़ रहा है. कम उम्र में ऐसे ट्रीटमेंट करवाने से बालों को काफी नुकसान पहुंचता है.

बॉडी के अंदर जा सकता है विषैला पदार्थ

बच्चों की जिद पर जब आप उनके लिप्स पर लिपस्टिक लगा देते हैं तो इसका असर बच्चों के मेटाबॉलिज़्म पर पड़ता है. दरअसल, लिपस्टिक में मौजूद केमिकल उनके मुंह के अंदर प्रवेश करता है, जिसकी वजह से उनके शरीर को कई तरह की परेशानी हो सकती है.

स्किन हो सकती है ड्राई

कम उम्र से ही बच्चों का मेकअप करने की आदत से बच्चों की स्किन ड्राई होने लगती है. इसकी वजह से उन्हें खुजली, जलन जैसी परेशानी हो सकती है. इसलिए कोशिश करें कि बच्चों का मेकअप न करें. इससे उन्हें काफी नुकसान हो सकता है.