रायपुर. शिक्षाकर्मियों के बाद अब स्वास्थ्य संयोजको ने भी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. जिसके तहत उन्होंने आगमी 17 जुलाई का एक दिवसीय सांकेतिक हड़ताल पर जाने का ऐलान किया. इतना ही नहीं इन स्वास्थ्य संयोजको ने अपने सोशल मीडिया पर एक पोस्टर भी जारी किया जिसमें लिखा है,“अभी समय है, मान जाओ सरकार”. या यू कहे की इन स्वास्थ्य संयोजक ने सीधे तौर पर सरकार को चेताया है, ”अभी भी समय है उनकी मांगो को माने लें नहीं तो”.यह पोस्टर स्वास्थ्य संयोजक सहित अन्य शासकीय कर्मचारियों के ग्रुपों में जमकर वायरल हो रहा है.
छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य संयोजक कर्मचारी संघ द्वारा 17 जुलाई को एक दिवसीय सांकेतिक हड़ताल पर जाने का ऐलान किया गया. यह हड़ताल उनकी वेतन विसंगति को दूर करने सहित अन्य मांगों को लेकर है. जिसमें प्रदेश के सभी जिलो के स्वास्थ्य संयोजक महिला पुरुष पर्यवेक्षक एलएचवी एवं बीइइओ शामिल होंगे. स्वास्थ्य संयोजक के हड़ताल पर जाने की वजह से इस दिन खसरा, टीकाकरण अभियान, शिशु संरक्षण माह, मिशन इंद्रधनुष जैसे राष्ट्रीय कार्यक्रम पूर्णतः बाधित रहेंगे.
संघ के सदस्य प्रमेन्द्र कुमार सिंह का कहना है कि पिछले 10 वर्षो से स्वास्थ्य संयोजक वेतन विसंगती से जूझ रहे हैं. संघ द्वारा लगातार ज्ञापन के माध्यम से शासन-प्रशासन को समस्या से अवगत कराया गया है. लेकिन मांगों के संबंध में कार्रवाई आज पर्यन्त तक लंबित है.
संघ द्वारा वेतन विसंगति को लेकर 26 अक्टूबर 2015 से पांच नवंबर 2015 तक अनिश्चित कालिन आंदोलन किया गया था. जिसमें विभाग द्वारा वेतन विसंगति दूर करने के लिए प्रस्ताव शासन को भेजा गया था. लेकिन तीन वर्ष पश्चात भी शासन ने मांगों के संबंध में कोई निर्णय नहीं लिया है. इसके कारण प्रदेश के कर्मचारियों में शासन -प्रशासन के प्रति आक्रोश है. जिसके चलते आगामी 17 जुलाई को उन्होंने हड़ताल पर जाने का ऐलान किया है.
बता दें कि यह हड़ताल मंगवार को किया जा रहा है. जो टीकाकरण का दिन होता है. और इस दिन स्वास्थ्य संयोजक के हड़ताल पर चले जाने की वजह से खसरा, टीकाकरण अभियान, शिशु संरक्षण माह, मिशन इंद्रधनुष जैसे राष्ट्रीय कार्यक्रम पूर्णतः बाधित होंगे.