यश खरे, कटनी। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) का कटनी (Katni) जिला आज भी विकास से कोसों दूर है। जिले में मानसून (Monsoon) की पहली बारिश (Rain) से ही नदी नाले उफान पर है। जिसकी वजह से आवागमन प्रभावित हो रहा हैं। तेज बारिश की वजह से बिजली आपूर्तिं भी बाधित हैं। जिले के करीब 50 गावों में ब्लैकआउट (Blackout) की स्थिति है। वहीं सांप के कांटने से एक किसान की मौत हो गई। जिसका खुले में अंतिम संस्कार किया गया।
जिले के ढीमरखेड़ा तहसील के गर्रा घाट स्थित बेलकुंड नदी सोमवार शाम 5 बजे से उफान पर थी। जिसकी वजह से करीब 12 घंटे तक आवागमन प्रभावित रहा। पुल के दोनों ओर सैकड़ों की संख्या में वाहन रात भर फंसे रहे। तेज बारिश के कारण पुल में लगी रेलिंग टूट गई, बोर्ड भी उड़ गया। पुल के ऊपर बाढ़ की मिट्टी भी जमी हुई है। सुबह से ग्रामीण पुल में फंसी लकड़ियों को काटकर निकाल रहे हैं। तहसील क्षेत्र में तकरीबन 27 घंटे बारिश होने के बाद बिजली आपूर्ति भी बाधित हैं।
ढीमरखेड़ा तहसील के 50 गांवों में ब्लैक आउट हैं। मुख्यालय के आसपास के ग्रामों में 3 दिनों से बिजली नहीं है। ग्रामीण अंधेरे में रात गुजारने को मजबूर है। 3 दिन पहले ही एक करोड़ की परियोजना से जोड़ा गया था। सब स्टेशन को विद्युत विभाग के द्वारा मेंटेनेंस के नाम पर लाखों करोड़ों रुपये खर्च किया। इसके बाद 3 दिनों से उपभोक्ताओं को बिजली ना मिलने से विभाग की लापरवाही साफ नजर आ रही है। क्षेत्र में बारिश का दौर भी जारी है। ढीमरखेड़ा सब स्टेशन में तकनीकी खराबी के कारण विद्युत आपूर्ति बदहाल है। जिला मुख्यालय से टीम के द्वारा सुधार करने आने के संबंध में विभाग के द्वारा बताया जा रहा है।
ढीमरखेड़ा तहसील मुख्यालय से 22 किलोमीटर दूर बीजापुरी घाट महानदी में पुल न होने के कारण ग्रामीण लकड़ी की डोड़ी के सहारे जान जोखिम में डालकर नदी पार कर रहे है। यह तस्वीर सरकारी व्यवस्था की पोल खोल रही हैं। वर्ष 2016 में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की घोषणा के बाद ब्रिज निर्माण का कार्य धीमी से चल रहा है। जिसका खामियाजा ग्रामीण आदिवासी भुगत रहे हैं। नदी के पास ही उमरिया, डिंडोरी, कटनी और जबलपुर जिले की सीमाएं भी हैं। कम दूरी और समय बचाने के लिए लोग इस मार्ग से आवागमन करते हैं।
ढीमरखेड़ा तहसील के आदिवासी बाहुल्य ग्राम कोठी में सर्पदंश से किसान की मौत हो गई। 50 वर्षीय अशोक मरावी घर में खेती से संबंधित कार्य कर रहे थे। इस दौरान पैर में काले जहरीले सांप ने काट लिया। घायल को उपचार के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र उमरिया पान ले जाया गया। जहां चिकित्सकों ने किसान को मृत घोषित कर दिया। सोमवार को तेज बारिश के कारण मृतक का अंतिम संस्कार नहीं हो पाया था। मंगलवार सुबह गांव में अंतिम संस्कार किया गया।
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