रायपुर. सावन को हरियाली का महीना भी माना जाता है. बारिश का मौसम आने के साथ ही पेड़-पौधे ही नहीं बल्कि पूरी धरती हरी-भरी नज़र आती है, ऐसा लगता है मानो सारी सृष्टी हरियाली के श्रृंगार में रंग गई हो. ये महीना सुहागन महिलाओं के लिए भी खास माना जाता है. सावन में महिलाएं हरे रंग के कपड़ों और चूड़ियों का इस्तेमाल परिवार की खुशहाली को बरकरार रखने के लिए करती हैं, लेकिन कहते हैं न कि जबतक भाग्य साथ न हो हर खुशी अधूरी होती है, इसलिए अपने सौभाग्य को जगाने के लिए महादेव को प्रसन्न करना बेहद ज़रूरी है.

शास्त्रों व ग्रंथों में भगवान शिव को योगी भी कहा जाता है. योगी होने की वजह से उन्हें प्रकृति की सुंदरता के बीच हरियाली में ध्यान लगाकर बैठना बेहद पसंद है. जिसके चलते मान्यता प्रचलित है कि हरा रंग पहनने से महादेव प्रसन्न होते हैं. यही कारण है कि महिलाएं सावन के महीने में भोले बाबा को खुश करने के लिए हरे रंग की चीजें खासतौर पर चूड़ियां धारण करती हैं. सावन में शिव भक्तों को भक्ति के साथ हरे रंग का ख़ुमार भी चढ़ता है. आपने भी ध्यान दिया होगा सावन माह में सुहागिन महिलाएं हरे रंग के वस्त्र और चूड़ियां पहनती है.

सावन मास में हरे रंग का क्या महत्व?

दरअसल हरा रंग प्रेम, प्रसन्न चित्त और खुशी का प्रतीक माना जाता है और इसी वजह से महिलाएं सावन के महीने में हरे रंग के श्रृंगार करके भगवान और प्रकृति को धन्यवाद देती हैं और अपनी खुशी का इज़हार करती हैं. हरा रंग सौभाग्य से जुड़ा होता है इसलिए इस माह बहुत से लोग हरे रंग का कपड़ा पहनना पसंद करते हैं. हरा रंग शिव का प्रिय है और उन्हें खुश करने के लिए हरी चूड़ियां और हरे वस्त्र पहने जाते हैं. इतना ही नहीं इस माह हाथों में मेंहदी भी लगाई जाती है, माना जाता है सावन के मास में हरे रंग की चूड़ियां, कपड़े और मेंहदी लगाने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं.