अमृतसर . पंजाब के पूर्व उप मुख्यमंत्री ओपी सोनी को अदालत ने एक दिन के रिमांड पर विजिलेंस को सौंप दिया है। विजिलेंस ब्यूरो ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में सोमवार को अदालत में पेश किया था।
साल 2016 से लेकर 2022 तक आय से अधिक संपत्ति के मामले में विजिलेंस ब्यूरो ने रविवार की देर शाम को ओपी सोनी को गिरफ्तार किया था। उधर, सोनी के समर्थको ने पंजाब सरकार के खिलाफ और सोनी के समर्थन में नारेबाजी भी की।
ओपी सोनी कांग्रेस के सीनियर लीडर हैं. पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के आदेश पर भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रहे अभियान के बीच ये कदम उठाया गया है.
अमृतसर में दर्ज की गई एफआईआर
विजिलेंस ब्यूरो के एक आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा कि ओपी सोनी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13 (1) (बी) और 13 (2) के तहत पुलिस स्टेशन विजिलेंस ब्यूरो, अमृतसर रेंज में एक प्राथमिकी दर्ज की गई है. एफआईआर 10 अक्टूबर, 2022 को आदेशित जांच के बाद दर्ज की गई.
क्या हैं पंजाब के पूर्व डिप्टी सीएम पर आरोप?
प्रवक्ता ने बताया कि 1 अप्रैल 2016 से 31 मार्च 2022 की अवधि के दौरान पूर्व डिप्टी सीएम और उनके परिवार की आय 4.52 करोड़ रुपये थी, जबकि उनका खर्च 12.48 करोड़ रुपये था. अधिकारी के अनुसार, ये खर्च उनकी आय के ज्ञात स्रोतों से लगभग 176.08% अधिक है. आरोपी ओपी सोनी ने कथित तौर पर इस अवधि के दौरान अपनी पत्नी और बेटे के नाम पर संपत्ति अर्जित की. प्रवक्ता ने कहा कि मामले में आगे की जांच जारी है.
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