उज्जैन। मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित श्री महाकालेश्वर मंदिर के तड़के 3 बजे कपाट खोले गए। भगवान महाकाल का जल से अभिषेक करने के बाद दूध, दही, घी, शहद, शक्कर फलों के रस से पंचामृत पूजन किया गया। श्रावण माह में बाबा महाकाल का भांग चंदन ड्रायफ्रूट से दिव्य श्रृंगार किया गया।

सावन की पहली सवारी: पालकी में सवार होकर प्रजा का हाल जानने निकले बाबा महाकाल, मन महेश के रूप में दिए दर्शन

रजत त्रिपुण्ड अर्पित और तिलक अर्पण करने बाद भगवान महाकाल को भस्म अर्पित की गई। बाबा महाकाल ने शेषनाग का रजत मुकुट रजत की मुण्डमाल और रुद्राक्ष की माला के साथ सुगंधित पुष्प से बनी फूलों की माला धारण की। फल और मिष्ठान का भोग लगाया। मंगलवार को बड़ी संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं ने बाबा महाकाल का आशीर्वाद लिया।

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बता दें कि सावन मास के प्रथम सोमवार को भगवान महाकाल की पहली सवारी निकाली गई। सावन की पहली सवारी में बाबा महाकाल मनमहेश के रूप में श्रद्धालुओं को दर्शन दिए। शोभा यात्रा में बड़ी संख्या में भक्त शामिल हुए, जो नचते गाजे और बाबा महाकाल की जयकारा लगाते नजर आए। जगह-जगह बाबा महाकाल का फूल बरसाकर स्वागत किया गया। यात्रा के दौरान पुलिस घुड़सवार, पुलिस बैंड-ढोल-मजीरे आकर्षक का केंद्र रहे।

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