रायपुर. मुंगेली कलेक्टरेट के घेराव कार्यक्रम पथरिया तहसील के किसानों द्वारा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना और सूखा राहत राशि की मांग को लेकर ग्राम बदराठा पथरिया तहसील कैंप कार्यालय का घेराव किया। स्थानीय तहसीलदार ने किसानों को रोका और ज्ञापन लेना स्वीकार किया। तहसील द्वारा चौपाल लगाकर बैठे किसानों को मुंगेली न जाकर वहीं ज्ञापन लेने की बात कही। तहसीलदार से बात करते करते किसान मनहरण साहू पिता तिरिथ राम साहू निवासी ग्राम बदराठा बेहद दुखी होकर अपनी बात कहने लगा तथा वहीं उसको सीने में दर्द उठा और उसकी हार्टअटैक से मौत हो गयी।

पूरे प्रदेश में सूखा राहत और बीमा राशि नहीं दिये जाने से किसानों में नाराजगी और हताशा की यह घटना जीताजागता सबूत है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल ने किसान मनहरण साहू के मौत के लिये राज्य की भाजपा सरकार को जिम्मेदार ठहराया। उन्होने राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुये कहा कि किसान हितैषी होने का ढोंग करने वाली भाजपा अपने चुनावी वादा के अनुसार किसानों को धान का समर्थन मूल्य 2100 रू. एवं 300 रू. बोनस देने से मुकर रही है। कांग्रेस शासन काल में किसानों के उन्नति के लिये, उनके बेहतर भविष्य के लिये, खेती में पानी की कमी न हो इसके लिये बनाई गयी जलाशय बांधों के पानी को अपने उद्योगपति मित्रों को दे रही है और किसान सूखा पड़ने के कारण खराब हुई फसल से हताश, परेशान रमन सिंह सरकार के किसान विरोधी नीतियों का शिकार हो रही है।

किसानों के फसल खराब होने पर क्षतिपूर्ति देने के लिये लागू किये गये बीमा योजना का लाभ किसानों को नहीं मिल पा रहा है, बल्कि प्रधानमंत्री के नाम से चलाई जा रही बीमा योजना के प्रीमियम के बतौर बीमा कंपनियों का खजाना को भरने का काम किया जा रहा है। पूरे देश में प्रधानमंत्री बीमा योजना के नाम 21000 करोड़ रू. को प्रीमियम मोदी सरकार के द्वारा बीमा कंपनियों को दिया गया और बीमा कंपनियों ने फसल खराब होने पर 5000 करोड़ का मुआवजा वितरण किया इससे स्पष्ट हो जाता है कि भाजपा के नीति में किसान नहीं उद्योगपति प्राथमिकता से है। उन्होने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना और सूखा राहत राशि वितरण में बड़ी गड़बड़ियों एवं किसानों के साथ अन्याय का आरोप लगाते हुये कहा है कि राज्य में पिछले साल भयंकर सूखा अकाल पड़ा है।

21 जिला एवं 96 तहसील को सूखाग्रस्त घोषित किया है। लेकिन किसानों के राहत के लिए किसी प्रकार के ठोस उपाय अभी तक भाजपा सरकार के द्वारा नहीं किये गये। किसानों के बीमित फसल का मुआवजा एवं सरकार के द्वारा सूखा राहत राशि देने में भी कोताही बरती जा रही है। अभी किसानों को खरीफ फसल लगाने के लिए खाद, बीज एवं मजदूरी के लिए नगद राशि की जरूरत है, ऐसे समय में भी भाजपा सरकार किसानों को उनके हक अधिकार के पैसे को देने में भी आनाकानी कर रही है। बीमा कंपनियों के साथ सांठगांठ कर भाजपा सरकार द्वारा किसानों को मिलने वाले मुआवजे की राशि में भी हेराफेरी जारी हैं। किसानों को बीमा राशि मुआवजा के बतौर बीमा कंपनियों द्वारा दी जा रही अत्यल्प राशि किसानों के जले पर नमक छिड़कने की तरह है।

विकास यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री के सूखा राहत राशि एवं बीमा राशि को किसानों के खाते में सीधा ट्रांसफर करने का दावा भी हवा-हवाई ही साबित हुआ। सरकार बार-बार आश्वासन देती रही है कि फसल बीमा के नियमों में किसान हित में बदलाव किया जायेगा। स्वयं कृषि मंत्री ने विधानसभा में कहा था कि फसल बीमा के नियमों को अन्नदाताओं के अनुरूप आवश्यकतानुसार बदलाव किया जायेगा, पर ऐसा आज तक नहीं हुआ जिसके दुष्परिणाम आज की घटना है जिसमें किसान मनहरण लाल साहू की मौत हो गयी। रमन सिंह की सरकार पर प्रधानमंत्री बीमा योजना और सूखा राहत राशि वितरण में किसानों के हित की अनदेखी का आरोप लगाते हुये प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल ने कहा कि किसानों को जो राशि मिलनी चाहिये, नहीं दी जा रही है। फसल बीमा नियम पूरी तरह बीमा कंपनी को लाभ पहुंचाने के लिये बनाया गया है। इससे छत्तीसगढ़ के किसानों का भला नहीं हो सकता। सरकार को इसका खामियाजा विधानसभा के चुनाव में भुगतना पड़ेगा।