नई दिल्ली. संसद के मानसून सत्र की शुरुआत हंगामे के साथ हुई . शुरुआता हंगामे के बाद कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव रखा, जिसे लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने मंजूरी दे दी. लोकसभा में मोदी सरकार के लिए विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव को पहली अग्निपरीक्षा के रूप में देखा जा रहा है. लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर शुक्रवार को बहस होगी. कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने लोकसभा में कहा कि जिस सरकार के राज में किसान आत्महत्या करने को मजबूर हैं, जिनके शासन में महिलाओं के साथ हर रोज दुष्कर्म किया जा रहा है. हम आपके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव रखते हैं. इससे पहले कांग्रेस और टीडीपी के कई सांसदों ने स्पीकर को अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया था जिसमें से एक प्रस्ताव को सदन में 50 से ज्यादा सांसदों के समर्थन के बाद स्पीकर की ओर से स्वीकार किया गया.
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि शुक्रवार को 30-35 सांसद सदन में नहीं रहेंगे ऐसे में अविश्वास प्रस्ताव पर प्रस्तावित चर्चा को सोमवार को कराया जाए. हालांकि स्पीकर ने इस पर अभी तक रुख साफ नहीं किया है. टीएमसी ने भी शुक्रवार की जगह सोमवार को चर्चा कराने की मांग की है.
इसके जवाब में संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव अहम मुद्दा है और सभी काम छोड़कर चर्चा के दिन सांसदों के सदन में मौजूद रहना चाहिए. इस पर कांग्रेस ने गुरुवार को ही प्रस्ताव पर चर्चा कराने की मांग की. दोनों नेताओं के बीच इस मुद्दे पर तीखी बहस भी हुई.
राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत सदस्यों ने ली शपथ
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा राज्यसभा के लिए मनोनीत सदस्यों किसान नेता राम शकल, लेखक और स्तंभकार राकेश सिन्हा, मूर्तिकार रघुनाथ महापात्रा और क्लासिकल डांसर सोनल मानसिंह ने पद और गोपनीयता की शपथ ली।