राहुल गांधी ने कांग्रेस वर्किंग कमेटी की घोषणा कर दी है. कांग्रेस में इस कमेटी को सबसे शक्तिशाली मानी जाती है. इस कमेटी में छत्तीसगढ़ से दो नेताओं को स्थान मिला है. इस विशिष्ट कमेटी में वरिष्ठ नेता मोतीलाल वोरा के साथ ही ताम्रध्वज साहू को स्थान मिला है. पीसीसी के नेताओं का मानना है कि कांगेस के केन्द्रीय नेतृत्व ने छत्तीसगढ़ को बड़ा मान दिया है.

इसके साथ ही एक बार ये सवाल उठाया जा रहा है कि एक तरफ कांग्रेस आलाकमान की ओर से प्रदेश को भरपूर तवज्जो दिया जा रहा है, वहीं भाजपा इसकी अनदेखी कर रही है, क्योंकि भाजपा अपने सबसे पॉवरफुल ईकाई पार्लियामेंट्री बोर्ड में प्रदेश के एक भी नेता को स्थान नहीं दिया है.

कांग्रेस का ये भी कहना है कि लोकसभा चुनाव में प्रदेश की 10 सीट जीतने के बाद भी मोदी सरकार में  राज्य से केवल एक राज्यमंत्री बनाया गया है. जबकि मनमोहन सरकार 1 मंत्री महज एक सीट जीतने पर बनाया था.  राहुल गांधी के इस फैसले के बहाने प्रदेश कांग्रेस के नेताओं  को भाजपा पर निशाना साधने का मौका मिल गया है.

शैलेष नितिन त्रिवेदी- 

सीडब्ल्यूसी में छत्तीसगढ़ से दो नाम शामिल होना ये बेहद गर्व की बात है. साथ ही हम कहना चाहेंगे कि भाजपा ने अब तक पार्लियामेंट्री बोर्ड में छत्तीसगढ़ से एक भी सदस्य न होना बताता है कि भाजपा आलाकमान की नजर में छत्तीसगढ़ की कोई अहमियत नहीं है. यहां तक 10 सांसद होने के बाद भी महज 1 राज्यमंत्री होना भी बताता हैं कि भाजपा आलाकमान छत्तीसगढ़ के नेताओं को खास अहमियत नहीं देते.

गौरतलब है कि ये पहली बार है कि छत्तीसगढ़ से दो नेता कांग्रेस वर्किंग कमेटी में शामिल किए गए हैं.  वहीं कांग्रेस के आरोपों पर भाजपा ने पलटवार किया है.

भाजपा नेता सच्चिदानंद उपासने का कहना है – 

भाजपा नेतृत्व कांग्रेस को देखकर फैसला नहीं लेता, छत्तीसगढ़ का गठन भाजपा सरकार ने किया है. हम सभी राज्यों को समान नजर से देखते हैं. कांग्रेस के नेताओं को प्रतिनिधित्व मिला है लेकिन उन्होंने प्रदेश के विकास के लिए कुछ नहीं किया है. शोषण जरूर किया है.

गौरतलब है कि अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में छत्तीसगढ़ 3 मंत्री शामिल थे.