रायपुर. एंबुलेंस का दरवाजा न खुलने के कारण बच्चे की हुई मौत का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है. इस मामले को लेकर पीसीसी अध्यक्ष भूपेश बघेल ने प्रेसवार्ता लेते हुए सीधे तौर पर राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. बघेल ने प्रदेश की लचर स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर सरकार को आड़े हाथों लिया है.
बघेल ने प्रेसवार्ता के दौरान बताया कि प्रदेश के 173 एंबुलेंस है, जिसमें 166 एंबुलेंस की स्थिति खराब है. जिस एम्बुलेंस में बच्चे की मौत हुई वो 7 साल पुराना एंबुलेंस था. बघेल ने इस दौरान 108 में सेवा दे रहे वाहनों के बदलने की आवश्यकता पर बल दिया. भूपेश बघेल ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि थाईलैंड जैसे छोटी जगह में गुफा से बच्चों को सुरक्षित निकाल ले आए और मोदी के देश में, रमन सिंह के राज्य में एक एम्बुलेंस में फंसे बच्चे को नहीं बचा पाए. इस घटना के बाद स्वास्थ्य मंत्री अजय चंद्राकर को इस्तीफा दे देना चाहिए. साथ ही बघेल ने कहा कि डॉ रमन सिंह को इस मामले के लिए अजय चंद्राकर को बर्खास्त करना चाहिए.
उनके साथ कांग्रेस चिकित्सा प्रकोष्ठ के अध्यक्ष डॉ राकेश गुप्ता ने कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्था चरमराई हुई है. 108 और 102 के ट्रेंड कर्मचारी हड़ताल पर है, क्योंकि कर्मचारियों को न्यूनतम वेतनमान भी नहीं मिल रहा है. डॉ राकेश गुप्ता ने बताया कि जीवीके कम्पनी के साथ सरकार द्वारा किये गये समझौते के मुताबिक 108 वाहनों को 2.50 लाख किलोमीटर चलने के बाद बदलना अनिवार्य है. लेकिन इसके बाद भी इन गाड़ियों को नहीं बदला गया है.
मामला दर्ज
बता दें कि मासूम की मौत के मामले में जीवीके कंपनी के सीईओ विक्रम सिंह के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है. सीएमओ केएस शांडिल्य की रिपोर्ट पर धारा 336 के तहत मौदहापारा थाना पुलिस ने मामला दर्ज किया है.