नई दिल्ली . राजधानी दिल्ली में यमुना का जलस्तर धीरे-धीरे कम होने से लोगों को राहत मिलने लगी है. रविवार शाम तक जलस्तर घटकर 205.5 मीटर तक आ गया जो खतरे के निशान से मामूली ऊपर है. दूसरी ओर, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बाढ़ पीड़ितों को दस -दस हजार रुपये आर्थिक मदद देने का ऐलान किया है.

कुछ सड़कें खुलीं, कई जगह परेशानी बरकरार कश्मीरी गेट एवं इसके आसपास की सड़कों को यातायात के लिए खोल दिया गया है. लेकिन, कश्मीरी गेट आईएसबीटी से बसों का परिचालन अभी शुरू नहीं हो सका है. भैरों मार्ग, आईपी फ्लाईओवर एवं आईटीओ के आसपास अभी भी पानी भरा हुआ है. कई जगहों पर सीवर का पानी सड़कों पर बह रहा है जिसके चलते परेशानी हो रही है.

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर बताया कि यमुना किनारे रहने वाले कई बेहद गरीब परिवारों का काफ़ी नुकसान हुआ है. कुछ परिवारों का तो पूरे घर का सामान बह गया. केजरीवाल ने आगे कहा कि आर्थिक मदद के तौर पर हर बाढ़ पीड़ित परिवार को दस हज़ार रुपये प्रति परिवार देंगे. सीएम केजरीवाल ने आधार कार्ड समेत कई जरूरी दस्तावेज बहने पर कहा कि जिनके कागज जैसे आधार कार्ड आदि बह गए उनके लिए स्पेशल कैंप लगाए जायेंगे. जिन बच्चों की ड्रेस और किताबें बह गई हैं, उन्हें स्कूलों की तरफ से ड्रेस और किताबें भी दिलाई जाएंगी.

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को मोरी गेट पर बाढ़ प्रभावितों से मुलाकात की. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि यमुना में आई बाढ़ से बहुत लोग प्रभावित हुए हैं. यमुना किनारे रहने वाले कई गरीब परिवारों का काफी नुकसान हुआ है.

दिल्ली के कई इलाकों में रविवार को भी हल्की बारिश हुई. इसके चलते लोगों में फिर डर का माहौल बन गया. क्योंकि कई इलाकों में बाढ़ का पानी उतरने लगा. ऐसे में डर है कि दोबारा पानी ना भर जाए. मौसम विभाग का अनुमान है कि सोमवार को भी दिल्ली में कुछ जगहों पर हल्की बारिश हो सकती है. वहीं, बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में दो दिन और स्कूल बंद रखने का फैसला किया गया है, जबकि अन्य इलाकों में स्कूल सोमवार से खुल जाएंगे.

प्रति परिवार के हिसाब से मिलेगी आर्थिक मदद

मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ परिवारों का पूरे घर का सामान बह गया है. ऐसे परिवारों को 10-10 हजार रुपये की आर्थिक मदद दी जाएगी. यह मदद प्रति परिवार के हिसाब से मिलेगी न कि प्रति व्यक्ति के अनुसार. सरकार इसकी प्रक्रिया जल्द ही शुरू करेगी. बाढ़ में जिन लोगों के दस्तावेज खराब हो गए हैं या बह गए हैं उनके लिए विशेष शिविर लगेंगे. बच्चों के स्कूल की किताबें, ड्रेस भी उपलब्ध कराई जाएगी.

यह चुनौतियां बरकरार

1. बाढ़ से प्रभावित लोगों का पुनर्वास

2. प्रभावित लोगों के दस्तावेज बनाना

3. बाढ़ से महामारी फैलने का खतरा

4. जलभराव वाली जगहों की सफाई