Railway News: प्रतीक चौहान. रायपुर. रायपुर रेल मंडल के सीनियर डीसीएम के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज कराने और न्यायालय जाने के संबंध में एक स्टॉफ ने डीआरएम को पत्र लिखकर अनुमति मांगी है. ये पत्र रायपुर रेलवे स्टेशन के आरक्षण केंद्र में पदस्थ कल्पना कृष्णा स्वामी पुल्लेवार द्वारा मांगी गई है.

जिस मामले में सीनियर डीसीएम के खिलाफ एफआईआर कराने और कोर्ट जाने की अनुमति मांगी गई है वो वर्षों पुराना है. लेकिन इस मामले में अब भी कोई ठोस कार्ऱवाई नहीं हुई, जबकि उक्त आवेदिका इस मामले में जेल जाकर कोर्ट से बरी हो चुकी है. जिसके बाद उन्हें रेलवे में पुनः नौकरी मिली.

मामला आरक्षण केंद्र में 1 लाख 77 हजार 560 रूपए के चोरी का है. इस मामले में उक्त आवेदिका को आरोपी बनाकर एफआईआर कराई गई थी, जिसके बाद वे कई महीनों तक जेल में रही और कोर्ट से बरी होकर वापस नौकरी में लौटी.

लेकिन उनके बरी होने के बाद अब रेलवे की उक्त राशि कौन जमा कराएगा ये सवाल उठता है. हैरानी की बात ये है कि इस मामले में रायपुर रेल मंडल की टीम ने एक महिला स्टॉफ को आरोपी बनाया और उसे ये राशि जमा करने का आदेश दिया.

 कुछ वर्षों बाद दो स्टॉफ को आरोपी मानकर आधे-आधे पैसे जमा कराने का आदेश दिया. लेकिन कोर्ट से बरी हुई महिला स्टॉफ को एक दूसरे मामले में सजा सुनाते हुए 11 साल बाद उसका ग्रेड-पे घटाया गया और प्रमोशन न देकर उसे डिमोशन दिया गया.

बता दें कि इस मामले अफसरों के लिए प्रोटोकॉल करने वाले स्टॉफ की पत्नी श्रीमती पद्मा ज्योति आदिराज और किरण पाणीग्रही को आरोपी बनाया है. लेकिन एक ही मामलें जितनी तेजी प्रार्थिया के खिलाफ एफआईआर कराने में की गई, उतनी तेजी उक्त दोनों स्टॉफ के खिलाफ रिकवरी और उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई अब तक नहीं की गई है, जो कई सवाल खड़े करते है.