रायपुर। छत्तीसगढ़ की स्थिति स्कूलों में पढ़ाई बीच में छोड़ने (ड्रॉप आउट) वालों की संख्या अन्य राज्यों और राष्ट्रीय दर की तुलना में ज्यादा बेहतर और उत्साहजनक है. इसका खुलासा भारत सरकार के स्कूल शिक्षा मंत्रालय द्वारा वर्ष 2021-22 के लिए जारी (यूडाइस) आंकड़े से हुआ है.
छत्तीसगढ़ में नई सरकार बनने के बाद तेजी से शिक्षा के स्तर में सुधार किया गया है, जिससे ड्रॉप आउट की संख्या घटी है. वर्ष 2018-19 में छत्तीसगढ़ का ड्रॉप आउट रेट प्राथमिक स्तर के लिए 3.4 प्रतिशत, उच्च प्राथमिक के लिए, 7 प्रतिशत और उच्चतर माध्यमिक के लिए 19.8 प्रतिशत था. वहीं 2021-22 के लिए जारी आंकड़ों के अनुसार, छत्तीसगढ़ का ड्रॉप आउट रेट तेजी से कम हुआ है. प्राथमिक स्तर के लिए यह दर 0.8 प्रतिशत, उच्च प्राथमिक के लिए, 4.1 प्रतिशत और उच्चतर माध्यमिक के लिए 9.7 प्रतिशत है, जबकि पूरे भारत के लिए प्राथमिक स्तर पर यह दर 1.5 प्रतिशत, उच्च प्राथमिक पर 3 प्रतिशत और उच्चतर माध्यमिक स्तर पर 12.6 प्रतिशत है.
पड़ोसी राज्यों से छत्तीसगढ़ की स्थिति बेहतर
पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश से तुलना में छत्तीसगढ़ में पढ़ाई छोड़ने वाले विद्यार्थियों की दर बहुत कम है. मध्यप्रदेश का ड्रॉप आउट रेट प्राथमिक स्तर के लिए जहां 3.1 प्रतिशत है. वहीं छत्तीसगढ़ में यह दर 0.8 प्रतिशत है. मध्यप्रदेश में ड्रॉप आउट रेट उच्च प्राथमिक के लिए 8.8 प्रतिशत और उच्चतर माध्यमिक के लिए 10.1 प्रतिशत है, जो कि छत्तीसगढ़ की तुलना में अधिक है. वर्ष 2021-22 के लिए जारी भारत सरकार के डेटा के अनुसार उच्चतर माध्यमिक स्तर पर सर्वाधिक ड्रॉप आउट की दर ओड़िसा में 27.3 प्रतिशत इसके बाद बिहार में 21.7 प्रतिशत दर्ज की गई है.
प्रदेश के बजट में शिक्षा पर ज्यादा खर्च
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ के बजट में शिक्षा के लिए ज्यादा राशि खर्च की जा रही है. इससे शैक्षणिक संस्थाओं की अधोसंरचना बेहतर हो रही है. विद्यार्थियों को पढ़ाई-लिखाई का बेहतर माहौल देने के लिए स्कूलों को आधुनिक सुविधाओं से लैस किया गया है, इसके लिए स्कूलों में सबसे पहले आधारभूत संरचना को मजबूत किया गया है. पुरानी बिल्डिंग का पुनरुद्धार कर उसे एक नया रूप दिया गया है. शैक्षणिक संस्थाओं का आकस्मिक निरीक्षण एवं मॉनिटरिंग की जा रही है. इससे शिक्षा व्यवस्था मजबूत हुई है.
स्वामी आत्मानंद स्कूल खुलने से बढ़ा रुझान
स्वामी आत्मानंद स्कूलों के खुलने से राज्य में शिक्षा के प्रति फिर से रूझान बढ़ा है और प्रत्येक वर्ग के लोग अपने बच्चों को इन स्कूलों में पढ़ाने के लिए प्रयासरत हैं. बालवाड़ी योजना के तहत 5 हजार 1 सौ 73 बालवाड़ी की शुरूआत की गयी है. स्कूल शिक्षा में निरंतर बेहतरी के प्रयासों के लिए छत्तीसगढ़ को कई पुरस्कारों से भी नवाजा जा चुका है. आँगन म शिक्षा पहल के लिए छत्तीसगढ़ को 2022 का स्कॉच अवार्ड प्रदान किया गया था. इसी तरह नई दिल्ली में छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा विभाग को राष्ट्रीय स्तर के एमबिलीयंथ अवार्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है।