लोकेश प्रधान,बरमकेला.सरकार चाहे विकास के तमाम दावे करे,लेकिन जब आप जमीनी हकीकत की पड़ताल करेंगे तो सच्चाई खुद ब खुद सामने आ जाएगी. बता दें कि नेता विकास के तमाम दावे करने से बिल्कुल भी पीछे नहीं हटते. पर जब भी इसकी पड़ताल धरातल पर की जाती है,तब सच्चाई सबको हैरान कर देती है.
कुछ ऐसा ही सच्चाई एक बार फिर सामने आई जब लल्लूराम डॉट कॉम ने पड़ताल की रायगढ़ जिले के एक गांव की,तब एक बिर कुछ ऐसी ही हकीकत ने सरकार के तमाम दावों की बखियां उधेड़ दी. दरअसल हम आज बात कर रहे हैं रायगढ़ जिले के बरमकेला ब्लॉक के अमेरी गांव की. इस गांव की जनसंख्या है 900, और बच्चों के पढ़ने के लिए यहां एक प्राइमरी स्कूल भी है. इस स्कूल में कुल 45 बच्चे पढ़ते हैं. मगर स्कूल में न तो बच्चों के खेलने के लिए मैदान है,न ही स्कूल तक पहुंचने के लिए अच्छी सड़कें. जिससे बच्चों को खासा परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
5 साल पुरानी है समस्या…
इतना ही नहीं इन बच्चों की परेशानी तब और ज्यादा बढ़ जाती है जब बरसात के दिन शुरू होते हैं. ऐसे में इन बच्चों को इन्ही सड़कों से गुजरना पड़ता है, जिसमें पानी पूरी तरह भरा रहता है. ग्रामीणों के अनुसार गांव की गलियों में बारिश के पानी के अलावा घर का पानी भी जमा होता है. रोड अच्छी नहीं है और गांव में नालियों का भी निर्माण नहीं कराया गया है. ग्रामीणों ने बताया है कि 5 साल पुरानी समस्या है और इस पर अब तक किसी ने ध्यान नहीं दिया है.
ग्रामीणों ने बताया कि नालियों का निर्माण नहीं होने से ये पानी स्कूल परिसर में भी जमा हो जाता है. जिससे बच्चों को भी मौसमी बीमारी होने का भी खतरा बना रहता है . वहीं कीड़े मकोड़े के काटने का भी डर बना रहता है.
विधायक को दी है जानकारी…
इधर पूरे मामले को लेकर गांव के सरपंच लक्ष्मी चौधरी का कहना है कि हमारे पास इतना बजट ही नहीं है कि हम इन समस्याओं से निजाद पा सकें. मैने इस समस्या से कई बार विधायक को भी जानकारी दी है पर वो अब तक चुनाव जीतने के बाद गांव में नहीं आई हैं. सरपंच ने कहा कि वो चुनाव के समय ही वोट मांगने बस आईं थी. लेकिन उसके बाद से वो अब तक एक बार भी गांव में नहीं आई हैं.
सरपंच ने कहा कि मैने जनपद सीईओ को भी इस समस्या को लेकर अवगत कराया लकेन अब तक किसी प्रकार से कोई कार्रवाई नहीं हुई है. आपको बता दें कि क्षेत्र की विधायक केराबाई मनहर हैं. जो सारंगगढ़ विधानसभा क्षेत्र से र्निवाचित हुईं थी. पूरे मामले को लेकर जो सबसे बड़ी ये है कि सरपंच ने साफ तौर पर कहा है कि उनके पास इतना बजट नहीं है कि वे सड़क का निर्माण करा सकें या नालियों का,ऐसे में यदि क्षेत्र की विधायक भी अगर पूरे मामले में चुप रहती हैं. तो इससे ये अंदाजा लगाया जा सकता है कि वे क्षेत्र के लोगों को लेके कितनी संवेदनशील हैं. वहीं अब पूरे मामले को लेकर ग्रामीणों में भी आक्रोश बढ़ता जा रहा है.