अक्सर खाना खाते समय बच्चों के गले में खाना फंस जाता है। इसलिए बच्चे छोटे होने पर यह चिंता लगी रहती है कि कहीं खाना गले में फंसा नहीं लें क्योंकि खाना अटकने से बच्चों को बहुत तकलीफ होती है और अगर खाना श्वसन नली में अटक जाता है तो सांस अवरुद्ध हो जाती है। इसमें खांसी भी हो सकती है और गंभीर मामलों में मृत्यु भी हो सकती है। ऐसे में पेरेंट्स के लिए कुछ सावधानियां बरतना जरूरी है । चलिए जानते हैं वो कौन सी सावधानियां हैं जिनसे आप बच्चे के गले में खाना फंसने से रोक सकती हैं।
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फल के टुकड़े करके दें
सेब, नाशपाती और दूसरे हार्ड फल बच्चों के गले में अटककर चोकिंग का कारण बन सकते हैं और इसलिए उन्हें छोटे टुकड़ों में काटकर ही बच्चों को खिलाएं, ताकि निगलने से पहले बच्चा उन्हें छोटे टुकड़ों में चबा सके। अक्सर हम बच्चे को केला पकड़ा देते हैं लेकिन केले का एक बड़ा टुकड़ा भी चोक हो सकता है। इसलिए पहले बच्चों को ठीक से चबाना और धीरे-धीरे खाना सिखाएं, उसके बाद ही उन्हें अकेले में खाने दें।
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ड्राई फ्रूट्स सीधे नहीं दें
काजू, बादाम और दूसरे ड्राई फ्रूट्स बच्चों की ग्रोथ के लिए जरूरी हैं, लेकिन ध्यान रखें कि कभी भी इनको बच्चों को सीधे खाने के लिए नहीं दें। अगर ड्राई फ्रूट्स खिलाना है तो उनको मिक्सर में बारीक पीस लें और उसके बाद बच्चों को खिलाएं। पूरे नट्स कठोर होते हैं और छोटे टुकड़ों में तोड़े बिना निगलने पर बहुत खतरनाक हो सकते हैं।
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गाजर
बच्चा अगर चबा सकता है तो भी बच्चे को गाजर कभी न दें। उनके दाढ़ अब भी विकसित हो रहे हैं और यदि वह एक बड़ा टुकड़ा निगल लेता है, तो यह भोजन नली को ब्लॉक कर सकता है, जिसके परिणामस्वरूप चोकिंग की समस्या हो जाती है।
बिस्किट और कुकीज
बच्चों को बिस्किट और कुकीस बहुत पसंद आते हैं और वो अक्सर ये खाने के लिए मांगते हैं और हम भी उनको हाथ में बिस्किट पकड़ाकर शान्ति से दुसरे कामों में लग जाते हैं। लेकिन ये बिस्किट या कूकीज का टुकड़ा भी छोटे बच्चों के गले में अटक सकता है। इसलिए इसे हमेशा छोटे टुकड़ों में तोड़कर ही बच्चे को दें।
बैठाकर ही खिलाएं
बच्चे को खाने का कोई भी सामान उस समय नहीं दें जब वो लेटा हो या फिर क्रॉल कर रहा हो क्योंकि ऐसे में उसका ध्यान खेलने पर होने से उसके मुह में कुछ अटक भी सकता है। जब वो सीधा बैठा हो तब ही उसको खाने का कुछ भी सामान दें।
बच्चों के गले में कुछ अटकने पर ये करें
बच्चे को गोद में लें और फिर उसका मुंह नीचे की और करके उसे अपनी जांघ पर लिटा दें। अब उसके सिर और गर्दन को सहारा दें। इस बात का ख्याल रखें कि बच्चा का सिर उसके धड़ के स्तर से नीचे हो।हथेली से बच्ची की पीठ पर कंधों के बीच हल्का-हल्का थपथपाएं। इससे अटकी चीज निकल जाएगी।अगर ऐसे भी न निकले तो बच्चे को सीधा करें।अपनी दो अंगुलियों की मदद से बच्चे की छाती को हल्का हल्का दबाएं।