नई दिल्ली: टमाटर के दाम फिर से बढ़ रहे हैं और मध्यम वर्ग के लोगों के लिए इसे खरीदना अब मुश्किल होता जा रहा है. दिल्ली के साथ-साथ एनसीआर में भी अब टमाटर के दाम 250 रुपये के पार पहुंच चुके हैं. जिसके बाद ग्राहकों ने अब टमाटर न खाने तक का फैसला ले लिया है. वहीं सब्जी विक्रेताओं की मानें तो उनका कहना है कि मौसम की वजह से इस बार भारी संख्या में फसल खराब हो गई है, जिसके कारण आपूर्ति अनुसार बाजारों में टमाटर और हरी सब्जियों की सप्लाई नहीं हो पा रही है.

एग्रीकल्चर प्रोड्यूस मार्केटिंग कमिटी (Agricultural Produce Marketing Committee -APMC) के सदस्य कौशिक का कहना है कि टमाटर, शिमला मिर्च जैसी कई मौसमी सब्जियों के दाम में जोरदार इजाफे के बाद इनकी बिक्री में बेतहाशा गिरावट आई है. लिहाजा थोक बाजार विक्रेताओं समेत रिटेल विक्रेताओं को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है.

मदर डेयरी ने सफल रिटेल स्टोर्स के माध्यम से टमाटर 259 रुपये प्रति किलो के दाम पर बेचना शुरू कर दिया है. आजादपुर मंडी के एक थोक विक्ररेता द्वारा बताया गया कि हिमाचल प्रदेश में भूस्खलन और भारी बारिश के दौरान सब्ज़ियों को लाने और ले जाने में वर्तमान में काफी कठिनाईओं का सामना करना पड़ा है. इसी कारण सब्ज़ियों को रिटेल बाजार तक पहुंचने में उत्पादकों को सामान्य समय के मुकाबले 6-8 घंटे ज्यादा लग रहे हैं. थोक विक्ररेता द्वारा बताया गया कि इन सब वजह के चलते टमाटर की कीमतें 300 रूपये प्रति किलो तक पहुंच सकती हैं.

अदरक भी हुआ महंगा

टमाटर के साथ-साथ बाकी सब्जियों की कीमत भी बढ़ रही है. टमाटर के दाम में तेजी जारी है. वहीं अदरक के भाव एक हफ्ते में 50 रुपये तक बढ़ गए हैं. पिछले हफ्ते अदरक यहां 300 रुपये किलो तक बिक रहा था, इस हफ्ते उसकी कीमत 350 रुपये किलो को पार कर चुकी है. सब्जियों की महंगाई ने लोगों के बजट को बिगाड़ दिया है.

क्यों कम नहीं हो रहे टमाटर के दाम

टमाटर की कीमत दिनों दिन लाल हो रहे हैं. कम होने के बजाए इसकी कीमत में लगातार तेजी ही आ रही है. उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश की थोक मंडियों में टमाटर की कीमत चढ़ रही है तो वहीं तमिलनाडु में भी टमाटर में तेजी आ रही है. सप्लाई बाधित होने से टमाटर के थोक भाव लगातार बढ़ रहे हैं . चेन्नई के कोयम्बेडु थोक बाजार में टमाटर की कीमत कम होने के बजाए बढ़ते ही जा रहे हैं. यहीं हाल दिल्ली , एनसीआर की मंडियों का है. हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र टमाटर और सब्जियों का मुख्य उत्पादक राज्य है, लेकिन बारिश और बाढ़ के कारण उनकी गुणवत्ता में गिरावट आई है, फसलों को नुकसान हुआ है. जहां उम्मीद जताई जा रही थी कि बारिश कम होने के बाद टमाटर के भाव कम होंगे लेकिन ऐसा होता नहीं दिख रहा. टमाटर को लेकर बाजार में अब भी गहमागहमी का माहौल है. टमाटर की कीमतों में राहत नहीं मिलती दिख रही है.