न्यामुद्दीन अली, अनूपपुर। जिले में एक महीने से आए पांच हाथियों का सूमह अनूपपुर (Anuppur) के ग्रामीणों क्षेत्रों में आतंक मचा रहा है। इसी कड़ी में आज दुधमनिया बीट अंतर्गत कांशा गांव के टिकरीटोला में हाथी ने एक ग्रामीण पर हमला कर दिया। हमले में ग्रामीण सुनील यादव के छाती और शरीर के अन्य हिस्सों पर अंदरूनी चोट पहुंची है। उसे इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। डाॅक्टरों ने बताया कि पीड़ित खतरे से बाहर है।

दो दर्जन से अधिक गांव के लोग परेशान

छत्तीसगढ़ राज्य से आए हाथियों के समूह को जैतहरी वन परिक्षेत्र में विचरण करते हुए एक महीने हो गए हैं। इसके बाद भी हाथियों का समूह अनूपपुर जिले की सीमा से बाहर जाने का नाम नहीं ले रहा है। दो दर्जन से अधिक गांव के ग्रामाीण हाथियों के आतंक से परेशान हैं। ग्रामीण रात भर जागकर जान माल की रक्षा करते और मशाल जलाकर भगाने का प्रयास करते है। ग्रामीण हाथियों को गांव, मोहल्ला और घरों से दूर भगाने में लगे हुए हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि एक माह बीतने के बाद भी हाथियों के आतंक और समस्याओं को सुनने जिला प्रशासन, वन विभाग और जिले के किसी भी राजनीतिक दल के लोगों ने दौरा तक नहीं किया है।

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हमले में बुजुर्ग की हो चुकी है मौत

एक माह के अंतराल में हाथी के हमले से एक बुजुर्ग की मौत हो चुकी है। हाथियों को घर में घुसता देख घबराने से दो महिलाएं बेहोश हो चुकी हैं। हाथियों के दौड़ाने पर भागने से गिरकर एक वनरक्षक घायल हो गया था। वहीं एक सैकड़ा घरों और 200 से अधिक किसानों के खेतों पर खड़ी फसल को कुचल चुके हैं। घरों में रखे अनाजों को भी अपना आहार बना चुके है। अनेकों गांव के ग्रामीण हाथियों के समूह को भगाते है जिससे वे और ज्यादा आक्रोशित हो रहे है। भगाने के दौरान अचानक पीछे मुड़कर दौड़ाने वाले ग्रामीणों पर हमले की कोशिश करते हैं।

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ग्रामीणों किया जा रहा सचेत

वन विभाग के मुख्य वन मंडल अधिकारी का कहना है कि हाथियों ने अपना नया डेरा तलाश लिया है। वह अपने घर वापस नहीं लौट रहे हैं और हाथियों के रेस्क्यू का कोई उपाय नहीं है। वह अपनी मर्जी से ही वापस लौटेंगे। फिलहाल ग्रामीणों को सचेत कर रहे हैं कि वह अपने घर में सुरक्षित रहे। यदि मकान कच्चे है तो कोई भी पक्के मकान या सरकारी बिल्डिंग में शरण ले लें।

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