कैलाश रविदास, रायपुर। ये दोस्ती हम नहीं तोड़ेंगे, तोड़ेंगे दम मगर तेरा साथ ना छोडेंगे. ऐ मेरी जीत तेरी जीत तेरी हार मेरी हार. सुन ऐ मेरे यार. ये लाइनें उन 9 दोस्तों पर फिट बैठती है, जो पिछले 57 साल से दोस्ती की मिसाल पेश कर रहे हैं. पुराने दोस्तों की बातें ही कुछ और होती है, उनके साथ बिताया हुआ वक़्त ज़िन्दगी का सबसे सुनहरा वक़्त होता है. ये खूबसूरत कहानी आपको उन लम्हों की याद दिला देंगी, जो आपने अपने यार और दोस्तों के साथ बिताया है. ऐसी है ये 9 रत्नों की कहानी. इन 9 दोस्तों की कहानी हर किसी के लिए किसी मिसाल से कम नहीं है. वर्षों से एक साथ, एक जगह और रोजाना की गपशप से जिंदगी भरी है.

अपनी यारी सबसे पुरानी

ये दोस्ती 1964 से शुरू हुई. वक्त बीतता गया, दोस्त बनते गए. आज 57 साल होने को है. 57 साल में 9 हस्तियां एक हुई और दोस्त बनकर एक दूसरे की जिंदगी में रौनक ला रहे हैं. एक साथ इन सभी दोस्तों की रोजाना बैठक होती है, जहां शहर से लेकर दुनियाभर की चर्चाएं होती हैं. सभी दोस्त एक दूसरों की बातों में हंसी ठिठोली करते हैं.

कैसे शुरू हुई दोस्ती ?

वहीं इस दोस्ती की मिसाल को लेकर पेट्रोलियम डीलर विजय दमानी ने LALLURAM.COM से बातचीत में कहा कि ये दोस्ती 1964 से शुरू हुई. पहले हम कम लोग थे, लेकिन ये दोस्ती वक्त के साथ बड़ी होती गई. आज 9 लोगों का समूह बन गया है. हम रोजाना 5-6 घंटे सभी लोग एक साथ वक्त बिताते हैं. जहां बातचीत और गपशप कर एंजॉय करते हैं.

9 दोस्तों के लिए संडे स्पेशल

विजय दमानी बताते हैं कि संडे हमारे लिए स्पेशल रहता है. सभी 9 दोस्त साथ में मिलते हैं. धारीवाल हाउस में करीब 7 घंटे बिताते हैं, जहां नाश्ते से लेकर खाना खाकर जाते हैं. इस दौरान खूब गपशप होती है. सभी दोस्त एक दूसरे और अलग-अलग जगहों की बातें बताते हैं.

कोई कांग्रेस समर्थित तो कोई बीजेपी

दमानी बताते हैं हम लोगों के बीच अगर मुलाकात के दौरान कुछ नोकझोंक होती है, तो आपस में ही सुलह कर लेते हैं. हम पहले 9 लोग नहीं थे, अब हमारी दोस्ती 9 लोगों में है, जो करीब 30 साल से साथ में मिलजुल रहे हैं. इनमें कोई बीजेपी समर्थक हैं, तो कोई कांग्रेसी. सब अपने शहर और देश दुनिया की बातें करते हैं.

ग्रुप में कौन हैं सबसे ज्यादा मजाकिया ?

वहीं उन्होंने LALLURAM.COM से कहा कि हमारे ग्रुप में सबसे ज्यादा मजाकिया कांग्रेसी नेता मदनलाल जी हैं, जो पूरे ग्रुप को हमेशा हंसाते रहते हैं. धारीवाल जी भी हैं, जो हमेशा मजाक में कमेंट करते रहते हैं, जो बीच में कभी भी कुछ बोल देते हैं, लेकिन आपस में सब सुलह कर लेते हैं.

कौन हैं रायपुर के वो 9 दोस्त ?

विजय दमानी, सुरेश धारीवाल, गणेश भट्टर, शांतिलाल बड़ादिया, मन्नू लाल अग्रवाल, मदन तालेड़ा, मोतीलाल जी बैद, किशन बागड़िया और श्याम चांडक का नाम शामिल है. ये नामी चेहरे हैं, जो अलग-अलग बिजनेस करते हैं. इनकी दोस्ती किसी नाम की मोहताज नहीं है.

क्या करते हैं विजय दमानी ?

विजय दमानी पेट्रोलियम डीलर हैं. साथ ही पेट्रोल पंप के मालिक हैं. रायपुर में इनके पेट्रोल पंप संचालित हैं. इसके अलावा इनकी रायपुर में ज्वेलरी शोरूम है.

कौन हैं सुरेश धारीवाल ?

वहीं सुरेश धारीवाल रेमंड शोरूम के मालिक हैं, जिनका शोरूम पंडरी कपड़ा मार्केट में है. यह कपड़े का व्यवसाय करते हैं.

क्या करते हैं गणेश भट्टर ?

इसके साथ ही गणेश भट्टर श्रीराम फाइनेंस कंपनी के चेयरमैन हैं. ऑटो फाइनेंसर हैं. रायपुर में इनकी कंपनी संचालित है. अलग-अलग शहरों में इनके ब्रांच हैं, जहां से कारोबार चलता है.

शांतीलाल क्या करते हैं ?

इसके अलावा चौथे दोस्त शांतीलाल हैं. ये कपड़ा व्यवसायी हैं, जिनका रायपुर के पंडरी में शोरूम है. कपड़ा मार्केट में ये भी एक जाना माना नाम है. ये व्यवसायिक बैंक में 15 साल तक चेयरमैन थे.

क्या करते हैं मन्नूलाल ?

वहीं पांचवे दोस्त की बात करें, तो उनका नाम मन्नूलाल है, जिनका फैशन हाउस. इनका शॉप मालवीय रोड में है. ये भी कपड़ा व्यवसायी हैं.

कौन हैं मदनलाल ?

साथ ही छठवें दोस्त की बात करें, तो मदनलाल कांग्रेसी नेता हैं. इनके पास कपड़े का शोरूम है, जो पंडरी में स्थित है. इसके अलावा ये श्रम कल्याण बोर्ड के डायरेक्टर हैं.

क्या करते हैं मोतीलाल ?

वहीं सातवें दोस्त मोतीलाल की बात करें, तो मनी लैंडिग का काम करते हैं. इनका रायपुर शहर में अलग-अलग जगहों पर कारोबार चलता है.

क्या करते हैं किशन बागड़िया ?

वहीं आठवें दोस्त किशन बागड़िया के पास टाइल्स का कारोबार है, जिनका रायपुर में शोरूम है. समता कॉलोनी में टाइल्स एवं सेनेटरी हाउस है.

श्याम चांडक की कहानी

साथ ही 9वें दोस्त श्याम चांडक इलेक्ट्रिक का काम करते हैं, जिनका सोलर पैनल का काम है. वहीं गोकुल दागा की बाते करें, तो इनके पास खेती बाड़ी है, जो किसानी कराते हैं.

‘ये वो अदालत है, जहां कोई शिकायत नहीं होती’

बहरहाल, दोस्ती एक मिसाल है, जहां कोई सरहद नहीं होती. ये वो शहर है, जहां इमारतें नहीं होती. यहां तो सब रास्ते एक-दूसरे के निकलते हैं, ये वो अदालत है, जहां कोई शिकायत नहीं होती. .ये दोस्ती आज हर किसी के लिए मिसाल है.

RAIPUR KE 9 DOST
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