संदीप शर्मा, विदिशा। मध्य प्रदेश के विदिशा (Vidisha) जिले में पिछले दिनों से वन विभाग की भूमि पर कब्जे को लेकर दो समुदायों में विवाद हो गया था। विवाद इतना अधिक बढ़ गया था कि पुलिस को हालात पर काबू पाने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े थे। इस मामले में रविवार को उस 40 बीघा भूमि पर बड़ी कार्रवाई की गई। वन विभाग (forest department) द्वारा भूमि पर विभिन्न पेड़ों के बीजों का छिड़काव किया गया, ताकि उस जमीन पर फिर से पेड़ पौधे उग आए। राजपुरा के भील कोई खलल न डाले, इसके लिए वन विभाग के जिले भर के जवान, सशस्त्र बल, लटेरी का पुलिस बल, लटेरी एसडीएम, फारेस्ट एसडीओ सहित सैकड़ों की संख्या में बल मौजूद रहा।

सूत्रों की मानें तो शनिवार को मदागन में लटेरी तहसील के भील समाज की मीटिंग हुई थी। जिसमें राजपुरा के भीलों द्वारा 9 अगस्त को थाने और तहसील के सामने किए गए पथराव और लाठीबाजी को गलत कार्य बताया गया। लटेरी तहसील के समस्त भील समाज ने राजपुरा के भीलों की निंदा कर खुद को अलग कर लिया है। इस सामाजिक बैठक के बाद राजपुरा के भीलों एक संदेश गया है। इस घटनाक्रम के बाद शासन को कार्रवाई के लिए मुश्किल कम हुई है।

वन भूमि पर कब्जे को लेकर दो समुदाय भिड़े: पुलिस के सामने चले पत्थर, हालात पर काबू पाने के लिए पुलिस ने छोड़े आंसू गैस के गोले

बता दें कि, 9 अगस्त को लटेरी तहसील में वन भूमि पर अतिक्रमण को लेकर भील समाज और यादव समाज के बीच पथराव, लाठीबाजी हो गई थी। 40 बीघा वन भूमि पर राजपुरा के भीलों ने अतिक्रमण कर लिया, जिसकी शिकायत लेकर सेना गांव के कुछ यादव लटेरी थाने और तहसील आए थे। तब भील समाज के सैकड़ों स्त्री-पुरषों ने एकत्र होकर भारी पथराव व लाठीबाजी कर दी थी। इसके बाद सिरोंज चौराहे पर चक्काजाम कर दिया था। भय के कारण पूरा बाजार बंद हो गया था और जिले के एसपी, कलेक्टर को लटेरी आकर लॉ एंड आर्डर की स्थिति संभालनी पड़ी थी।

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