आरिफ कुरैशी, श्योपुर। मध्य प्रदेश के श्योपुर (Sheopur) जिले में रेलवे स्टेशन (Railway Station) के निर्माण कराने के लिए किसानों की खेतों पर खड़ी फसल (Standing Crop) पर जेसीबी चलाने पहुंचे ठेकेदार को किसानों ने खदेड़ दिया। सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंची देहात थाना पुलिस और प्रशासन की टीमों ने समझाइश देकर किसानों को मौके से हटाया। तब जाकर ठेकेदार स्टेशन निर्माण के लिए जेसीबी मशीन से काम शुरू कर सका। मामला जिला मुख्यालय से 6 किलोमीटर दूर स्थित वर्धा बुजुर्ग गांव के पास का है।

मुआवजे की राशि बेहद कम

दरअसल, ग्वालियर से श्योपुर तक ब्रॉडगेज रेल की मंजूर हो चुकी है। श्योपुर शहर के पास गांव वर्धा बुजुर्ग पर रेलवे स्टेशन का निर्माण होना है। जिसके लिए रेलवे विभाग किसानों की जमीनों को अधिग्रहण भी कर चुका है और उन्हें उचित मुआवजा भी दे चुका है। वर्धा बुजुर्ग गांव के 27 किसान इस मुआवजे को बेहद कम बताकर अपनी जमीन देने को तैयार नहीं है। अब ठेकेदार किसानों के खेतों में खड़ी फसल पर जेसीबी चलाकर रेलवे स्टेशन का निर्माण करवा रहा है। किसानों की मानें तो फसलों की बुवाई से पहले या फिर फसल की कटाई बाद रेलवे स्टेशन का काम शुरू करना था।

मोबाइल चलाने पर वार्डन ने छात्र को बेरहमी से पीटा: पैर पर आए चोट के निशान, परिजनों ने पुलिस में की शिकायत   

साढ़े 9 लाख प्रति बीघा देने को फैसला

इसके अलावा उनका यह भी कहना है कि जिला न्यायालय से उन्हें साढ़े 9 लाख रुपए प्रति बीघा के हिसाब से मुआवजा दिए जाने का फैसला सुनाया है। जिसे रेलवे ग्वालियर हाईकोर्ट लेकर गया है, लेकिन वहां से कोई फैसला आया नहीं है और इधर ठेकेदार, प्रशासन और पुलिस की टीमों को लेकर जबरन तरीके से उनकी खड़ी फसलों पर जेसीबी चला रहा है। किसानों का आरोप है कि उनके मकान की कीमत 35 से 40 लाख रुपए के करीब है। लेकिन रेलवे उन्हें सिर्फ 10 लाख रुपए मुआवजा मकान के एबज में दे रहा है।

MP Assembly Election 2023: बुजुर्गों और दिव्यांगों को वोट डालने पोलिंग बूथ जाने की जरूरत नहीं, घर बैठे ऐसे कर सकेंगे मतदान

मुआवजे में भेदभाव 

इसके अलावा रेलवे ने पास के रायपुरा गांव में 13 लाख रुपए बीघा के हिसाब से जमीन अधिग्रहण की है। जबकि उनके यहां 4 लाख 80 हजार रुपए प्रति बीघा के हिसाब से मुआवजा दिया जा रहा है, जो बेहद कम है। किसानों की माने तो मौजूदा हालातों में उनकी जमीनों की कीमत डेढ़ करोड़ प्रति बीघा के हिसाब से चल रही है। इस बारे में मौके पर कार्रवाई के लिए पहुंचे नायब तहसीलदार भारतेंदु सिद्धार्थ गौतम का कहना है कि, रेलवे स्टेशन के निर्माण के लिए जमीन अधिग्रहण प्रक्रिया का कुछ लोग विरोध कर रहे थे। जिन्हें यहां से हटाकर जमीन अधिग्रहण कराई जा रही है, लोगों का कहना है कि उन्हें मुआवजा कब मिला है, यह मामला कोर्ट में भी चल रहा है।

हिंदू देवी-देवताओं पर आपत्तिजनक टिप्पणी: प्रशासन ने बुलडोजर से आरोपी के अवैध मकान को तोड़ा

Read more- Health Ministry Deploys an Expert Team to Kerala to Take Stock of Zika Virus