अमृतसर में 26 जनवरी को संविधान निर्माता डॉ. भीमराव आंबेडकर की मूर्ति तोड़े जाने की घटना के बाद पंजाब में दलित समाज के लोगों में आक्रोश है। इस मामले को लेकर पंजाब के कई शहरों में मंगलवार को बंद का आह्वान किया गया था। जालंधर, लुधियाना, फगवाड़ा, होशियारपुर और मोगा सहित अन्य शहरों में भी बंद का असर दिखा।  लुधियाना में दिल्ली-अमृतसर नेशनल हाईवे को पूरी तरह से बंद कर दिया गया था। इस वजह से हाईवे पर लंबा जाम लगा रहा। वाहनों की लंबी कतारें लगी रही और लोग खूब परेशान हुए। 

हाईवे पर जाम की वजह से एक बारात भी वहां फंस गई। तीन से चार घंटे तक दूल्हा और सभी बाराती जाम में फंसे रहे। धरना दे रहे लोगों ने उन्हें आगे बढ़ने नहीं दिया। इस कारण दुल्हनिया ब्याहने जा रहे दूल्हे सहित बाराती भी परेशान दिखे। मोहाली के जीरकपुर से अमृतसर जाने के लिए बारात निकली थी। लुधियाना पहुंचने पर बीच हाईवे पर बारात जाम में फंस गई। दूल्हे के परिवारिक सदस्यों ने कहा कि अब अगर रास्ता खुल जाए तो बारात पहुंचने के बाद भी शादी नहीं हो पाएगी। हालांकि इस जाम से निकलने के लिए दूल्हे के पिता ने धरना दे रहे लोगों से उन्हें आगे जाने की मिन्नतें की, लेकिन किसी ने उनकी एक न सुनी। 

लड़की वालों ने कर रखा था सारा इंतजाम

दूल्हे के पिता तरसेम सिंह ने बताया कि वह जीरकपुर के रहने वाले हैं। उनके बेटे की शादी अमृतसर में तय हुई है। मंगलवार को शादी थी। उन्हें बंद का पता था, लेकिन हाईवे को जाम किया जाएगा इसके बारे में जरा सा भी अंदाजा नहीं था। वह जाम में फंस गए। उन्होंने कहा कि चार घंटे वह जाम में फंसे रहे। उन्होंने प्रदर्शनकारियों से कहा भी था कि अमृतसर उन्हें पहुंचना है और वहां लड़की वालों की तरफ से सारा इंतजाम कर रखा है। मगर किसी ने एक नहीं सुनी। पीछे भी गाड़ियां खड़ी थी। इस कारण वह भी जाम से निकल ही नहीं पाए। 

फिर से तय करनी पड़ेगी शादी की तारीख

तरसेम सिंह ने बताया कि अगर वह अब पहुंच भी जाएंगे तो शादी की रस्में नहीं हो सकती। इस कारण लड़की पक्ष को बता दिया गया है। अब रिश्तेदारों और लड़की पक्ष से बात करने के बाद ही आगे की रणनीति तय करेंगे कि शादी कब करनी है। प्रदर्शनकारियों द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात को बाधित करने से न केवल इस बरात को परेशानी हुई, बल्कि कई अन्य यात्री भी परेशान हुए।