राकेश चतुर्वेदी, भोपाल। मध्यप्रदेश के स्थापना दिवस पर यानी एक नवंबर को भोपाल में विरासत से विकास की थीम पर कार्यक्रम होगा. इस दौरान भव्य ड्रोन लाइट शो होगा. प्रदेश में इसरो के समान शोध केंद्र बनाने की दिशा में भी विद्वानों और विशेषज्ञों से सलाह लेकर पहल की जाए. इससे अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में संभावनाओं के नए द्वार खुलेंगे.
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सीएम ने बैठक में दिए निर्देश
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने बुधवार को मंत्रालय में आयोजित मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद की कार्यकारी समिति की बैठक में यह दिशा-निर्देश जारी किए. बैठक में राज्य में नवाचार, अनुसंधान एवं तकनीकी विकास को गति देने के लिए विभिन्न रणनीतियों पर विस्तृत चर्चा हुई.
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CM डॉ. मोहन ने कहा- इन्क्यूवेशन सेंटर साइंस सिटी उज्जैन में बनाया जाए
मुख्यमंत्री ने कहा कि नीमच में मध्यप्रदेश बायो टेक्नॉलोजी पार्क की स्थापना कर इससे जुड़ा इन्क्यूवेशन सेंटर साइंस सिटी उज्जैन में बनाया जाए. यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि विभिन्न स्रोतों और प्रक्रियाओं से प्राप्त डाटा का उपयोग शोध के साथ-साथ शासकीय योजनाओं के क्रियान्वयन और अन्य प्रशासनिक गतिविधियों के प्रबंधन में भी हो.
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कारीगर विज्ञान सम्मेलन किया जाएगा आयोजित
बैठक में जानकारी दी गई कि परिषद की ओर से प्रदेश के प्राकृतिक संसाधनों पर केंद्रित डिजिटल एटलस विकसित किया जा रहा है. प्रदेश के कारीगरों को देश के ख्याति प्राप्त विशेष विशेषज्ञों से संवाद और उनके द्वारा विकसित उन्नत तकनीकों के माध्यम से कारीगरों के कौशल उन्नयन के लिए प्रदेश में कारीगर विज्ञान सम्मेलन आयोजित किया जाएगा. उज्जैन और जबलपुर में 15 करोड़ 20 लाख रुपए की लागत से विज्ञान केंद्र विकसित किए जा रहे हैं.
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साइंस ऑन व्हील्स योजना की जाएगी संचालित
उज्जैन के डोंगला में अंतरराष्ट्रीय स्तर के अंतरिक्ष अनुसंधान केन्द्र की स्थापना, कालगणना केंद्र के रूप में उज्जैन को प्रतिस्थापित करने और साइंटिस्ट मेमोरियल की स्थापना की भी योजना है. प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों तक विज्ञान को प्रायोगिक रूप से दिखाने के उद्देश्य से साइंस ऑन व्हील्स योजना संचालित की जाएगी. साथ ही परिषद के कर्मचारी-अधिकारियों को 35 वर्ष की सेवा पूर्ण करने पर चतुर्थ समयमान देने के लिए सैद्धांतिक अनुमति प्रदान की गई.
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