चंडीगढ़। पंजाब में जल्दी ही आवारा पशुओं की समस्या से लोगों को राहत मिलने वाली है। अब मान सरकार ने आवारा पशुओं को व्यवस्थित करने की नेक पहल की है। मुख्यमंत्री भगवंत मान की सरकार ने “Prevention of Cruelty to Animals Act” के संशोधन विधेयक पर बहस के दौरान दिए गए आश्वासन को अब ठोस नीति में बदल दिया है। सरकार ने पीड़ितों को राहत देने के लिए “The Punjab Compensation to Victims of Animal Attacks and Accidents Policy, 2023” पहले ही लागू कर दी है।

यह नीति आवारा पशुओं के हमले से प्रभावित परिवारों को तत्काल वित्तीय सहायता प्रदान करती है। यह व्यवस्था सुनिश्चित करती है कि पीड़ित परिवारों को आर्थिक कठिनाई का सामना न करना पड़े।
2 लाख से ज्यादा आवारा पशु को मिला आश्रय
वर्तमान आवारा पशु आबादी को प्रबंधित करने के लिए सरकार ने महत्वपूर्ण कदम उठाए है। अब तक 518 पंजीकृत गौशालाओं में 2 लाख से अधिक आवारा पशुओं को आश्रय दिया गया है।

ग्रामीण विकास और पंचायती राज विभाग ने 20 सरकारी पशु पाउंड में 77 पशु शेड का निर्माण किया है। इसके अतिरिक्त, शहरी स्थानीय निकायों (ULBs) द्वारा 10 नए आश्रय स्थल स्थापित किए गए है। आपको बता दें कि ज़िला अधिकारियों को निर्देश दिए गए है कि 31 मार्च तक आवारा पशुओं को गौशालाओं में भेजने का काम पूरा किया जाए। हेल्पलाइन नंबर 9646-222-555 जारी किया गया है, जहां लोग आवारा पशुओं के हमले की शिकायत दर्ज करा सकते है। यह हेल्पलाइन 24 घंटे सक्रिय रहती है और शिकायतों पर तुरंत कार्रवाई सुनिश्चित की जाती है।

डिप्टी कमिश्नर कार्यालय ने विभिन्न क्षेत्रों में गौशालाओं के साथ समन्वय स्थापित करने के निर्देश दिए हैं। जिला पुस्सल में लगभग 150 आवारा पशुओं को गौशालाओं में भेजने का लक्ष्य रखा गया है। डिप्टी कमिश्नर ने कलेक्टर रेट (CMO) के माध्यम से बजट आवंटन की व्यवस्था भी की है, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि गौशालाओं को समय पर भुगतान मिले।