पुरुषोत्तम पात्र, गरियाबंद. खाद की कालाबाजारी के खिलाफ प्रशासन ने बड़ी काईवाई की है। कृषि केंद्र में 266 रुपए की यूरिया 900 में बिक रही थी। कृषि उपसंचालक की अगुवाई में बनी टीम ने मौके पर पहुंचकर 525 बोरी यूरिया खाद जब्त कर दुकानदार को नोटिस थमाया और दुकान को 7 दिनों के लिए निलंबित किया। वहीं नोटिस का जवाब संतोषप्रद नहीं मिलने पर दुकान की लाइसेंस रद्द करने की चेतावनी दी गई। इसके अलावा दो अन्य दुकानों में भी अनियमितता पाई गई। इन दुकानदारों को भी चेतावनी दी।
गरियाबंद जिले के दूरस्थ अंचल ओडिशा सीमा से लगे देवभोग और अमलीपदर अंचल में यूरिया खाद की कालाबाजारी की सूचना लगातार मिल रही थी। कलेक्टर के निर्देश पर बनी टीम को लेकर आज कृषि उपसंचालक चंदन राय खुद इलाके में दबिश देने निकले। प्रभावित इलाके में एंट्री करते ही टीम की नजर धुर्वागुडी में संचालित राजेंद्र खाद भंडारण पर पड़ी। यहां गोदाम में यूरिया अनलोड हो रहा था, काउंटर में यूरिया खरीदी कर किसान लौट रहे थे।
खरीददारों को रोककर अफसरों ने दाम पूछा तो पांव तले जमीन खिसक गए। खरीदार किसान ने टीम को बताया कि वे लोग 900 रुपए प्रति बोरी की दर पर खाद खरीदकर ले जा रहे हैं। इसके बाद टीम ने मौके पर मौजूद 525 बोरी यूरिया को जब्त किया। वहीं दुकान को सात दिवस के लिए निलंबित भी कर दिया। दुकान संचालक को नोटिस थमाया गया है। कृषि उपसंचालक ने कहा कि नोटिस का संतोषप्रद जवाब तीन दिनों के भीतर नहीं मिला तो लाइसेंस रद्द करने की कार्रवाई होगी।

कार्रवाई की भनक लगी तो दुकानों के शटर डाउन हो गए
कार्रवाई करने निकली टीम में उपसंचालक के अलावा अनिल कुमार कौशिक सहायक संचालक कृषि एवं उर्वरक निरीक्षक व अन्य शामिल थे। टीम आगे बढ़ी तो मेसर्स सिद्धी विनायक कृषि केंद्र गोहरापदर व अन्य एक दुकान का भी निरीक्षण किया, जहां अनियमितता मिली। अघोषित परिसर में उर्वरकों का भंडारण वितरण करना, भंडारण की स्थिति एवं मूल्य सूची प्रदर्शित नहीं करना, नगद एवं उधार का ज्ञापन जारी नहीं करना, फॉर्म-एम एवं निर्धारित तरीकों से अभिलेखों आदि का रखरखाव नहीं करना पाया गया, जो उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 के प्रावधानों का स्पष्ट उल्लंघन था। इसके लिए टीम ने उचित कार्रवाई की है।
किसानों से विभाग ने की ये अपील
कृषि विभाग ने किसानों से अपील की है कि निर्धारित दर पर अधिकृत विक्रेता से ही उर्वरक क्रय करें एवं सामग्री का पक्का बिल आवश्यक रूप से लें। अनाधिकृत रूप से व्यवसाय अथवा अधिक कीमत पर विक्रय करने की जानकारी होने पर विभागीय अधिकारियों को जरूर सूचित करें, ताकि उसके खिलाफ कार्रवाई की जा सके।
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