रायपुर. द इंस्टिट्यूट ऑफ़ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ऑफ़ इंडिया रायपुर ब्रांच द्वारा 2012 के बाद राजधानी में आर्थिक मामलो पर दो दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन का आयोजन किया गया. यह आयोजन रायपुर के साथ साथ बिलासपुर व भिलाई ब्रांच द्वारा सयुक्त रूप से किया गया.
कार्यक्रम के दौरान कैबिनेट मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि रायपुर शहर एवं छत्तीशगढ़ राज्य बहुत तेजी से विकसित हो रहा है. जिसके कारण पूरा विश्व यहाँ इनवेस्टमेन्ट करने को आतुर है. जीएसटी, रेरा एवं अन्य नए कानूनों के कारण बदलाव एवं परिवर्तन के इस वातावरण में सीए का रोल एवं उत्तरदायित्व बहुत बढ़ गया है. इस तरह के अधिवेशन से यहाँ के सीए अपडेट होंगे. अपने ज्ञान में अभिवृद्धि करेंगे एवं राष्ट्र के विकास में अपना योगदान देंगे. उन्होंने सीए एसोसिएशन से अपील की है कि वो एक सलाह समाधान सेन्टर के माध्यम से सामाज के कमजोर वर्ग की मदद करे.
कार्यक्रम में शामिल महापौर प्रमोद दुबे ने कहा कि परिवर्तन के दौर में सीए ने सरकार और जनता के बीच सामंजस्य स्थापित करने का कार्य किया है और साथ ही साथ जनता को नए नए कानून एवं उसमें परिवर्तन के बारे में शिक्षित करके एवं उनका पालन कराकर राष्ट्र के विकास में अपना योगदान निरंतर दे रहे है.
आईसीएआई के सेन्ट्रल कौंसिल मेंबर श्याम लाल अग्रवाल ने कहा कि सीए पूरी ईमानदारी एवं समर्पण के साथ एक आधार स्तम्भ की तरह कार्य करता है और हम राष्ट्र के आर्थिक विकास के लिए सर्वदा कार्य करते रहेंगे. इसी वजह से सीए रेगुलेशन का गठन संविधान के गठन के पूर्व किया गया है।
टेक्निकल सेशन के स्पीकर जीएसटी के डिप्टी कमिश्नर एवं नेशनल ट्रेनर नरेंद्र वर्मा एवं दीपक गिरी ने ई-वे बिल के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि माल का ई-वे बिल न होने पर माल एवं गाड़ी को जब्त कर लिया जाएगा एवं उस पर जो जीएसटी भी पटाया जाएगा. उसका इनपुट क्रेडिट नहीं मिलेगा. वर्तमान में व्यापारी द्वारा जीएसटी का गलत बिल जारी करने पर या बिल नहीं जारी करने पर 20000/- के पेनाल्टी का प्रावधान है.
दूसरे टेक्निकल सेशन में इंदौर के प्रसिद्ध प्रवक्ता सीए असीम त्रिवेदी ने बताया कि कंपनी ऑडिटर अपनी नियुक्ति के पहले ये चेक करे कि उसका उस कंपनी में इन्वेस्टमेंट या लोन 5 लाख से ज्यादा ना हो, परंतु टैक्स ऑडिट के लिए इनकम टैक्स रिटर्न अनुसार यह सीमा 1 लाख है. 5 करोड़ से ज्यादा नेट प्रॉफिट होने पर प्राइवेट कंपनी को भी सीएसआर डोनेशन के अंतर्गत 2% खर्च करना अनिवार्य है. ऐसा नहीं करने पर इसकी डायरेक्टर्स रिपोर्ट में कंपनी को इसका उल्लेख करना होगा. उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा बार बार शेल कंपनी का उल्लेख किया जाता है, परंतु कही भी उसकी परिभाषा नही दी गई है. शेल कंपनी एक स्पेशल पर्पस वेहिकल की तरह कार्य करती है, जिसमे सम्पति के नाम पर कुछ नही होता, कोई व्यापार नही होता, केवल शेयर कैपिटल का लेनदेन होता है. सरकार द्वारा इस पर कठोर कार्यवाही की जा रही है.
मीडिया कमिटी चेयरमैन सी ए विजय मालू ने अधिवेशन के बारे में बताया की अधिवेशन के उदघाटन समारोह में छत्तीशगढ़ राज्य के कैबिनेट मंत्री बृज मोहन अग्रवाल, रायपुर नगर निगम के महापौर प्रमोद दुबे, आईसीएआई के सेन्ट्रल कौंसिल मेंबर श्याम लाल अग्रवाल, रायपुर भिलाई एवं बिलासपुर ब्रांच के चेयरमैन अमित चिमनानी, मिनेश जैन, मनोज शुक्ला, एवं रायपुर सीए ब्रांच के सेक्रेटरी किशोर बरडिया उपस्थित रहे.