सुशील खरे, रतलाम। पवित्र सावन मास में रतलाम ने एक बार फिर सौहार्द और भाईचारे की मिसाल कायम की है। शुक्रवार को सावन मास की कृष्ण पक्ष एकम पर निकली भव्य कावड़ यात्रा में न केवल हिंदू भक्तों ने उत्साह दिखाया, बल्कि मुस्लिम समाज के लोगों ने भी कावड़ उठाकर इस भक्ति यात्रा को ऐतिहासिक बना दिया। रतलाम की गंगा-जमुनी तहजीब का यह नजारा हर किसी को गर्व से भर गया।
भजनों की धुन पर जमकर थिरके कांवड़ियें
शीतला माता समिति के तत्वावधान में पुरोहित जी का वास से शुरू हुई इस यात्रा में सैकड़ों भक्त मोचीपुरा के शनि मंदिर परिसर में एकत्र हुए। महादेव का विधिवत अभिषेक और पूजन के बाद यात्रा शुरू हुई। खास बात यह रही कि आरिफ कप्तान, अफजल हुसैन, गुलाम हुसैन मीर, अब्दुल रहमान, शाबाद फरदीन, सोहेल अब्बासी और वसीम मंसूरी जैसे मुस्लिम भाइयों ने न सिर्फ यात्रा में हिस्सा लिया, बल्कि भजनों की धुन पर नृत्य कर भक्ति और भाईचारे का अनूठा संगम पेश किया।
देश को दिया शौहार्द का संदेश
यात्रा के दौरान रतलाम की गलियों और चौकों में पुष्प वर्षा के साथ भक्तों का भव्य स्वागत हुआ। ढोल-नगाड़ों की थाप और भक्ति गीतों की गूंज के बीच भक्त कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़े। इस यात्रा का अंतिम पड़ाव उज्जैन होगा, जहां भक्तगण महाकालेश्वर मंदिर पहुंचकर बाबा का जलाभिषेक करेंगे। रतलाम की यह कावड़ यात्रा न केवल आस्था का प्रतीक बनी, बल्कि हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल बनकर पूरे देश को सौहार्द का संदेश दे रही है।
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